नम आँखों से हुई 11 सफ़र की शब्बेदारी

रूपेंद्र भारती

घोसी नगर के बड़ा गांव स्थित शिया मोहल्ले में 11 सफर रविवार की रात्रि 8:00 बजे जाफरी सहन में जवानाने अब्बासे दिलावर कमेटी द्वारा शब्बेदारी का आयोजन किया गया। यह शब्बेदारी रसूल अल्लाह के नवासे  इमामे हुसैन के सुपुत्र अली असगर की याद में मनाई गई।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को खिताब करते हुये मौलाना सय्यद हैदर मेहदी साहब देहलवी ने बताया कि इमामे हुसैन ने कर्बला के मैदान में अपने 6 महीने के बच्चे अली असगर को लेकर यज़ीदी फ़ौज से एक घूंट पानी माँगा लेकिन यज़ीदी फ़ौज ने एक घूंट पानी के बदले अली असगर को तीन फल के तीर से शहीद कर दिया।

मौलाना ने ये भी कहा कि अली असगर को उस तीर से शहीद किया गया जिस तीर को ऊंट नहर करने के लीए इस्तेमाल किया जाता था। इन्ही की याद में इस शब्बेदारी को मनाया गया। इस शब्बेदारी की निज़ामत मौलाना शफ़क़त तक़ी साहब व नोहाखान शमीम हैदर ने किया। इस शब्बेदारी में अंजुमन इमामिया क़दीम कोपागंज व पंजतनी गोरूप जलाल पुर ने नोहा पढ़ा”माँ पुकारी किधर गए असगर गोद मादर की खो गए असगर” जिसे सुन कर हर अजादार की आँखें नम हुई और नम आँखों से रसूल अल्लाह की बेटी फातिमा को उनके लाल का पुरसा दिया। यह शब्बेदारी लग भग 03:30 बजे जाफरी सहन ही में समाप्त हुई। इस अवसर पे जनाब नूर मोहम्मद, जावेद, अलमदार, मोहम्मद अली नासरी, असगर, तफहिम, मीसम, इम्तेयाज़, असगर नासरी, डॉ शानू सहित शिया समुदाय के लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे।

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