सीकर की बज्म-ऐ-अहबाब सिनियर स्कूल मे आयोजीत हुआ मोटीवेशनल सेमीनार
अब्दुल रज्जाक थोई.
जयपुर – सीकर मोहल्लाह हुसैनगंज स्थित शहर की नामी गिरामी अंग्रेजी माध्यम की बज्म-ऐ-अहबाब सिनियर सेकण्डरी स्कूल परीसर मे आज प्रबंध समिति ने छात्राओ के केरियर गाइडेंस के लिये एक मोटीवेशनल सेमीनार आयोजीत किया जिसमे मुख्य वक्ता राजस्थान के ख्यातनाम मोटीवेटर डा.इस्तियाक खान थे। अन्य वक्ताओ मे सीकर की श्री कल्याण कालेज की प्रोफेसर डा.जुबेदा मिर्जा, सिनियर एडवोकेट शब्बीर कमाल व अशफाक कायमखानी थे।
सेमीनार के मुख्य वक्ता डा.इस्तियाक खान ने छात्राओ को विभिन्न तरह के उदारण व अनेक महापुरुषो के जीवन के बारे मे बताते हुये कहा कि छात्राओ को सबसे पहले जीवन का लक्ष्य तय करना होगा। उसके बाद उसको पाने के लिये कड़ी मेहनात करके आगे दर आगे लक्ष्य पाते हुये हमेशा आगे कदम बढाना होगा। उन्होने आगे कहा कि बच्चो को नौकरी लगकर गुजारा करने का लक्ष्य कभी ना रखकर उनको अपनी व देश की पहचान बनाने का लक्ष्य हमेशा रखना होगा और उसको पाने के लिये रोजना घंटो पढना ही होगा।
पीनर्डोप साइलेंस के माहोल मे छात्राओ को सम्बोधित करते हुये डा.इस्तियाक ने कहा कि जीवन मे कभी भी निराशा का भाव नही लाना चाहिये।निराशा हमेशा निचे की तरफ धकेलती है।और पोजेटीव मेहनत इंशान को हमेशा ऊपर उठाती है। अन्य वक्ता के तौर पर इतिहास विषय की लेक्चरार प्रोफेसर जुबेदा मिर्जा ने अपने दोनो आईआईटीयन पुत्रो के हवाला देते हुये उपस्थित छात्राओ से अपील कीकि बिना झिझक अपने जीवन का गोल तय करके इमानदारी से उसको पाने के लिये औरो से इक्कीस मेहनत करके सिनियर या उसके बाद होने वाली मुकाबलायी परीक्षा मे बैठना चाहिये ताकि कामयाबी खुद चलकर उनके कदम चुमे।
शहर के सीनियर एडवोकेट शब्बीर कमाल ने अन्य वक्ता के तौर बोलते हुये छात्राओ से नैतिक शिक्षा व सुचना का अधिकार सहीत उन तमाम कानून व अधिकारो की जानकारी मोटे तौर पर लेने की अपील की कि जो जीवन मे हरदम काम आते रहते है। कमाल ने दिनी तालीम लेने पर भी जौर देते हुये आधुनिक तालीम लेने पर जोर देते हुये उन्होने रोजाना सुबह सुबह कुरान-ऐ-पाक की तिलावत करने पर भी जौर दिया।
सेमीनार के अंतिम वक्ता के तौर पर बोलते हुये सामाजिक वर्कर अशफाक कायमखानी ने कहा कि आज शिक्षा पाने की ललक शेखावाटी के बच्चो मे खूब पाई जाती है लेकिन इसके साथ होना तो यह चाहिये कि स्टूडेन्टस खुद अपनी रुची के मुताबीक अपना गोल तय करते हुये अपने विषय चयन करके उस गोल को पाने के लिये भरषक मेहनत करे लेकिन हमारे समाज मे ज्यादातर जगह गोल तय कर विषय चयन का ठेका वालदेन ने ले रखा जो बच्चो मे कुछ दिन बाद निरासा का भाव पैदा कर देता फिर तीन-चार प्रयास के बाद विचलित होकर बच्चा भटकाव की तरफ चला जाता है। कायमखानी ने विभिन्न उदाहरण देते हुये कहा कि निरासा का भाव जीवन मे कभी नही लाना चाहिये बल्कि लक्ष्य पाने मे अनेक दफा असफल होने के बावजूद मेहनत करके कड़े दर कड़े प्रयास करते रहने से एक दिन सफलता उनके नाम होगी। उन्होने यह भी कहा कि विज्ञान विषय लेकर चिकित्सक व इंजिनियर बनना अच्छी बात है लेकिन बन नही पाने के बावजूद अनेक अन्य जगह है जहा विज्ञान विषय के बाद ही जाया जाता है।उन सभी को पाने पर ध्यान देना होगा।यही आर्ट व कोमर्स विषय पर लागू होती है तो हमे सभी तरह के चांसेज पर नजर रखनी होगी।उन्होने यह भी कहा कि वो दिल्ली व अन्य इलाको के उन माहिरिनो के सम्पर्क मे है जिनको बच्चों की कॉउंसलिंग लिये सीकर बुलाने पर विचार है।
आखिर मे संस्था निदेशक अमीरुद्दीन एडवोकेट ने आये हुये सभी मेहमानो का शुक्रीया अदा करते हुये छात्राओ से इनकी कही हुई किमती टिप्स को सिने मे उतारने पर बल दिया। सेमीनार की शुरुआत अब्दुल वाजिद के तिलावते कुरान-ऐ-पाक से हुई और संचालन सुफियान अहमद ने व आभार प्रिंसीपल सुसीला ढाका ने किया।