IIM लखनऊ के डायरेक्टर का निधन, PGI के आइसीयू में थे भर्ती।
शाहरुख खान
लखनऊ। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आइआइएम) लखनऊ के निदेशक प्रो.अजीत प्रसाद जिंदगी की जंग हार गए। दिल का दौरा पडऩे के बाद प्रो. प्रसाद बीते 16 दिन से कोमा में थे। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका। संजय गांधी पीजीआइ में बुधवार को दोपहर साढ़े तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। बता दें, 17 दिन पहले दिल का दौरा पड़ने पर गंभीर हालत के चलते इन्हें भर्ती कराया गया था। वहीं, परिजनों का कहना है कि इलाज में कहीं भी किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं हुई।
डिनर के दौरान पड़ा था दिल का दौरा
आइआइएम लखनऊ के डायरेक्टर प्रो. अजीत प्रसाद 14 अक्टूबर की शाम डिनर पर गए थे। करीब 9:30 बजे इन्हें हार्ट अटैक पड़ा। तुरंत उन्हें पास के मिडलैंड अस्पताल ले जाया गया। जहां पर इनको सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया। वहीं पर पेसमेकर भी लगा दिया गया। इलाज की दिशा एकदम ठीक थी, इसी बीच परिवार के लोगों ने पीजीआइ में संपर्क किया। रात के करीब 1:30 बजे बेड कंफर्म हुआ और उन्हें पीजीआइ के आइसीयू में शिफ्ट किया गया। परिजनों को कहना है किसी स्तर पर कहीं कोई लापरवाही नहीं हुई। मिडलाइन अस्पताल के डॉक्टर ने भी जो इलाज दिया उसकी वजह से पीजीआइ में शिफ्ट कर पाए।
पांच साल पहले हुई भी नियुक्ति
गौरतलब हो कि प्रो.अजीत प्रसाद ने नवंबर, 2015 में आइआइएम, लखनऊ के निदेशक पद की जिम्मेदारी संभाली थी। वह रिसर्च व इनोवेशन बेस्ड स्टडी पर जोर देते थे। प्रबंध तंत्र ने वर्ष 2016 में आइआइएम जम्मू की भी जिम्मेदारी सौंप दी थी। वर्ष 2017 में उनके प्रयासों का ही नतीजा रहा कि संस्थान से डिग्री लेकर निकलने वाले छात्रों को अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पीएचडी व अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिले को लेकर रास्ता साफ हो सका। प्रो. अजीत ने वर्ष 1977 में दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद 1979 में दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स में अर्थशास्त्र में परास्नातक किया।
1989 आइएमआइ दिल्ली से मैंनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स 1990 में पटना विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की। 2008 में लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स सोशल पॉलिसी में एमएससी किया। नौकरी की शुरुआत वर्ष 1980 में की। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बतौर प्रोबेशनरी ऑफीसर ज्वाइन किया। फिर 1982 में प्लानिंग कमीशन में बतौर अधिकारी उनका चयन हुआ। 1988 से 1996 तक वह स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया में मुख्य अर्थशास्त्री रहे। वर्ष 1996 से 2000 तक वह एमडीआइ गुडग़ांव में प्रोफेसर रहे। इसके बाद 2009 तक आइएमआइ में प्रोफेसर रहे। 2009 से 2011 तक एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मुंबई में बतौर प्रोफेसर काम किया। इसके बाद आइआइएम रायपुर में बतौर डीन रहे।
तीन किताबें हो चुकी हैं प्रकाशित
डॉ. प्रसाद की तीन किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें से डिक्शनरी ऑफ स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट, बेस्ट सेलर में शामिल है।