डरा धमकाकर भूमाफिया कर रहे एलडीटीए की सम्पत्ति पर जबरन कब्जा : मधुलिका
आफताब फारुकी
प्रयागराज। लखनऊ डायसीसीयन ट्रस्ट एसोसिएशन (एलडीटीए) की सचिव मधुलिका ज्वायस खन्ना ने आगरा डायसोसीयन ट्रस्ट एसोसिएशन (एडीटीए) पर फर्जीवाड़ा कर एलडीटीए की सम्पत्ति के खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है।
मंगलवार को पे्रस क्लब में मीडिया से एलडीटीए की सचिव मधुलिका ज्वायस खन्ना ने कहा कि एडीटीए के पदाधिकारियों ने एलडीटीए की अधिकतर सम्पत्तियों को गैर कानूनी तरीके से फर्जी पाॅवर आॅफ अटार्नी तैयार कराकर बेच दिया है। मधुलिका ज्वायस खन्ना का आरोप है कि उन्हें जब इस फर्जीवाड़े की जानकारी हुई तो उन्होंने दस्तावेजों की जांच पड़ताल करने के बाद 30 अक्टूबर को कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। यही नहीं कुछ लोगों द्वारा धोखाधड़ी कर दस्तावेज तैयार किए गए और एलडीटीए के आफिशियल पोर्टल में निदेशक एवं चैयरमैन सदस्य के रूप में अपने को स्थापित कर लिया। ऐसे फर्जीवाड़े के मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं।
इस संबंध में उन्होंने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि सीएनआई और एडीटीए या अन्य किसी ग्रुप द्वारा एलडीटीए की सम्पत्तियों को खरीदने के प्रस्ताव को बिल्कुल भी स्वीकार न करें। क्योंकि उक्त लोगों में से किसी को भी एलडीटीए की सम्पत्ति को खरीदने और बेचने का अधिकार नहीं है। अगर ऐसा किया जाता है तो वह पूरी तरह से गैर कानूनी होगा। मधुलिका ने कहा कि इस संबंध में कई मामले एनसीएलटी में लम्बित हैं।
उन्होंने बताया कि एलडीटीए की स्थापना 1924 में एक कंपनी के तौर पर तत्कालीन भारतीय कम्पनी अधिनियम 1913 के आधार पर की गयी थी। आज कुछ लोगों द्वारा एलडीटीए के पदाधिकारियों को धमकाया जा रहा है, एलडीटीए की प्रापर्टी पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। प्रतापगढ़, देहरादून समेत कई जिलों और राज्यों में एलडीटीए की प्रापर्टी है, जिस पर भूमाफियाओं ने अपनी पैनी नजर गड़ा रखी है।