इस्राईल का ख़ूनी चेहरा आया सामने हमास के नेताओ को दी हत्या की धमकी
आफ़ताब फ़ारूक़ी
हर दिन फ़िलिस्तीनी नागरिकों का ख़ून बहाने वाले ज़ायोनी शासन का एक और ख़ूनी चेहरा सामने आया है। एक बार फिर इस्राईल ने सभी अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए हमास के नेताओं की हत्या की खुली धमकी दी है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, जहां एक ओर इस्राईली सैनिकों ने गज़्ज़ा सीमा पर 23वें सप्ताह भी फ़िलीस्तीनियों द्वारा किए जा रहे “वापसी का अधिकार” नामक शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पाश्विक गोलीबारी करके 240 फ़िलिस्तीनियों को घायल कर दिया वहीं दूसरी ओर ज़ायोनी सरकार के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि गज़्ज़ा में मौजूद इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के सभी नेताओं की हत्या कर देनी चाहिए।
याद रहे कि फ़िलिस्तीनी जनता द्वारा भूमि दिवस के अवसर पर आरंभ किए गए वापसी के अधिकार नामक विरोध-प्रदर्शन का क्रम लगातार 23वें सप्ताह भी जारी रहा। गज़्ज़ा की सीमा पर हज़ारों की संख्या में एकत्रित हुए फ़िलिस्तीनी नागरिकों ने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करते हुए एक विशाल मार्च निकाला और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से मांग की है कि वह उन्हें उनके क़ानूनी अधिकारों को दिलवाने में मदद करें। इस बीच ज़ायोनी शासन के सैनिकों ने शांतिपूर्ण ढंग से मार्च निकाल रहे फ़िलिस्तीनियों पर अंधाधुंध फ़ायरिंग कर दी, जिसके परिणामस्वरूप 240 फ़िलिस्तीनी घायल हो गए, घायलों में एक 10 वर्षीय बच्चा भी है। फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य विभाग ने एलान किया है कि घायलों में दो फ़िलिस्तीनियों की स्थिति गंभीर है।
फ़िलिस्तीनी सूचना केंद्र के मुताबिक़, ज़ायोनी शासन के शिक्षा मंत्री निफ़्ताली बेन्नेट ने एक बार फिर इस्राईल के असली चेहरे को दुनिया के सामने पेश करते हुए कहा है कि, गज़्ज़ा में मौजूद सभी हमास के नेताओं की हत्या कर देनी चाहिए और साथ ही इस संगठन के मिसाइल यूनिट को भी नष्ट कर देना चाहिए। इस बीच हमास के वरिष्ठ नेता यहया मोसा ने ज़ायोनी शासन के शिक्षा मंत्री के बयान की प्रतिक्रिया में कहा कि, हमास नेताओं की हत्या की धमकी देना इस बात का दर्शाता है कि इस्राईली सरकार, फ़िलिस्तीनियों द्वारा किए जा रहे वापसी का अधिकार नामक विरोध प्रदर्शनों से कितना भयभीत है!