सबरीमाला मंदिर – एयरपोर्ट पर पिछले 12 से अधिक घंटो से फंसी है तृप्ति देसाई, जाने क्या है वहा के हालात
आदिल अहमद
नई दिल्ली। लोकतंत्र में भीड़ तंत्र का क्या स्थान होता जा रहा है इसको सबरीमाला मंदिर प्रकरण में भली भाति समझा जा सकता है। एक तरफ ट्रीपल तलाक के मुद्दे पर जो लोग मिठाइया तकसीम कर रही थी वही आज सबरीमाला मंदिर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है और सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने को तैयार नही है।
सबरीमाला मंदिर के पट आज शुक्रवार को दो महीने के लिए खुल गए। गुरुवार रात से ही वहां 22 नवंबर तक धारा 144 लागू कर दी गई है। इस दौरान वहां किसी तरह का धरना प्रदर्शन नहीं हो सकेगा। वहीं महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ती देसाई सहित करीब 500 महिलाओं ने केरल पुलिस की वेबसाइट पर सबरीमला मंदिर के दर्शन के लिए पंजीकरण करवाया है।
Kochi: Trupti Desai, founder of Bhumata Brigade, having breakfast at Cochin International Airport as she hasn't been able to leave the airport yet due to protests being carried out against her visit to #Sabarimala Temple. #Kerala pic.twitter.com/ILDV7silTx
— ANI (@ANI) November 16, 2018
तृप्ती देसाई इसके लिए कोच्चि पहुंच भी चुकी हैं। एयरपोर्ट पर तृप्ति देसाई के ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। बीजेपी नेता एमएम गोपी ने कहा है कि तृप्ति देसाई को एयरपोर्ट के बाहर पुलिस या दूसरी किसी भी सरकारी वाहन का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा। एयरपोर्ट में मौजूद टैक्सी चालक भी उन्हें नही ले जाएंगे। उनको अपना वाहन करना होगा। अगर वह एयरपोर्ट से बाहर आईं तो उनके खिलाफ रास्ते भर प्रदर्शन होगा। एयरपोर्ट के बाहर भीड़ और भारी हंगामे के कारण तृप्ति देसाई एयरपोर्ट पर 12 घंटे से फंसीं हुई हैं।
इधर केरल देवास्वम बोर्ड सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू कराने के लिए कोर्ट से कुछ और समय की मांग कर सकती है।वही दूसरी तरफ केरल के डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने गुरूवार को कहा कि सबरीमाला मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन के बाद रात में मंदिर परिसर में ठहरने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में मंदिर और आसपास पुलिस की मौजूदगी दोगुना कर दी गयी है। बेस कैंप में सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा के बाद बेहरा ने संवाददाताओं से कहा कि मंदिर परिसर में किसी को ठहरने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अक्टूबर तथा इस महीने मासिक पूजा के लिए कपाट खुलने पर मंदिर के आसपास प्रदर्शन के कारण वाजिब पाबंदी लगाने का फैसला किया गया। बेहरा ने कहा कि सभी श्रद्धालुओं को उनकी वापसी के पहले दर्शन करने का मौका जरूर दिया जाएगा।