मजिलस और मिम्बर की जीनत थे मरसिया खां जर्ररा हुसैन: मौलाना शमसूल हसन
(अनंत कुशवाहा)
अम्बेडकरनगर। थाना सम्मनपुर के कटघर कमाल में मरहूम जानब जर्ररा हुसैन सहाब के ईसाले सावब मजिलस को खेताब करते हुए कहा मौलाना शमसूल हसन ने कहा की आज जाने वाला जो हमारे दरमियान से चला गया वो मिम्बर की जीनत था 80 वर्ष की आयु में उन्होंने जिस तरह ठंडी गर्मी को न देखते हुए जिक्र इमाम हुसैन किया है उसकी उजरत उन्हें आखरत में खुदा का महबूब कायनात का रसूल देगा।
बताते चले कि कटघर कमाल के निवासी। सैय्यद जर्ररा हुसैन मरहूम ने अपनी पूरी जिन्दगी का हर पल हर लम्हा। मोहम्मद व् आले मोहम्मद की नोकरी में गुजार दिया। मरहूम जर्ररा हुसैन इब्ने इकराम हुसैन करबलाई। के नक्शे कदम पर चलकर। मजिलस ,नोंहा, मरसिया,पढ़ करते थे।उन्ही के ईसाले सावब की मजिलस को पहली मजिलस मौलाना शमसूल हसन सहाब मुम्बई ने खेताब किया तो वहीँ दूसरी मजिलस को मौलाना नुरुल हसन साहब ने पढ़ी।मजिलस की पेश खानी। तालिब अब्बास ने किया और मरसिया अनीश अब्बास ने पढ़ी। मौलाना ने मजिलस को खेताब करते हुऐ कहा की इस्लाम अमन शान्ती का पैगाम देता है और अगर लोग समझते है की इस्लाम दहसत गर्द का नाम है तो वो गलत है क्योंकि दीन इस्लाम अखलाख के जरिये फैला है न की तलवार के जरिये। हमेसा एक दूसरे की अच्छी का हुक्म देता है। मजिलस में मौजूद रहे। मौलाना हेलाल अब्बास, मौलाना शाने हैदर, मौलाना परवेज अब्बास, मोहम्मद हसनैन, नफीस अब्बास, सरदार हुसैन, मुनीस अब्बास, अनवर अब्बास, इंतजार रिजवी, सकलैन हैदर, समाजवादी पार्टी के जलालपुर विधान सभा के प्रत्याशी सुभाष राय आदि लोग मौजूद रहे।