संविधान दिवस के ठीक पहले मंदिर के नाम पर संविधान ढहाने की तैयारी- रिहाई मंच
आदिल अहमद
लखनऊ। रिहाई मंच ने विहिप-शिवसेना द्वारा अयोध्या, फैजाबाद में आयोजित धर्मसभा को दंगों में झोंकने की तैयारी बताया। पिछली बार बाबा साहेब के महापरिनिर्वाण दिवस को कलंकित करने के लिए 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस करने वाली हिंदुत्ववादी ताकतें संविधान दिवस के एक दिन पहले राम मंदिर के नाम पर दंगे कराने के लिए संकल्प सभा का आयोजन कर रही हैं। इससे पहले देशद्रोही संसद के सामने संविधान की प्रति फूंक चुके हैं।
उक्त बाते रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा एक प्रेस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहाकि दंगा भड़काने के आरोपी योगी आदित्यनाथ को संजय राउत, साक्षी महराज और मंदिर के लिए संविधान तोड़ने का ऐलान करने वाले भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह कैसे दंगा भड़काने वाले लग सकते हैं। काशी, मथुरा, अयोध्या छोड़ो जामा मस्जिद तोड़ो कहकर दंगा भड़काने की कोशिश में लगे भाजपा सांसद साक्षी महराज पर बलात्कार और बलात्कारियों के समर्थन का आरोप है। यूपी में शिवसेना नेता संजय राउत ने चंद मिनटों में बाबरी मस्जिद तोड़ने और मंदिर के लिए कानून बनाने की बात कही। आखिर देश का सुप्रीम कोर्ट कहां हैं। सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि मंदिर बनाने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं, सुप्रीम कोर्ट भी हमारा है और न्यायपालिका भी हमारी ही है। इस पर देश की सबसे बड़ी अदालत को अपनी भूमिका और सर्वोच्चता को स्पष्ट करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री संदेश यात्रा को हरी झंडी देते हैं और सूबे में जगह-जगह राम मंदिर के लिए बाइक रैली और सभाओं के जरिए भीड़ जुटाई गई है। लेकिन बताया जा रहा है कि स्थिति सामान्य है। देश-विदेश के मीडिया में 25 नवंबर को भारी भीड़ जुटने की खबरें आ रही हैं और जिले के डीएम-एसपी इस विषय में प्रदेश स्तर पर कोई समुचित सूचना साझा नहीं कर रहे। डरी-सहमी अवाम फैजाबाद से पलायन कर रही है। मतलब साफ है कि सब कुछ होने देने का भाजपा सरकार का आदेश है जिसका पालन प्रशासन कर रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म सभा के नाम पर विहिप के लोगों ने मिर्जापुर में सांप्रदायिक तनाव भड़काया जबकि उन्हें जुलूस निकालने की अनुमति ही नहीं थी। ठीक इसी तरह कानपुर और बरेली में भी संघियों ने तनाव पैदा किया।
मंच अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा हो या शिवसेना दोनों देश को टुकड़े-टुकड़े करने पर आमादा हैं। एक महाराष्ट्र से यूपी-बिहार वालों को मारकर भगाता है तो दूसरा गुजरात से। संघ ने विहिप और शिवसेना जैसे संगठनों को आगे कर 25 नवंबर का पूरा षडयंत्र रचा है। अगर यह साजिश नहीं है तो एक ही वक्त में कमल संदेश यात्रा और मंदिर के नाम पर संकल्प यात्रा के लिए भीड़ जुटाने वाली रैलियों का आयोजन कैसे हो गया।
उन्होंने भाजपा-शिवसेना को एक ही थाली का चट्टा-बट्टा बताते हुए कहा कि इस रैली की तैयारी लंबे समय से चल रही थी। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के चुनावों को देखते हुए फैजाबाद के आस-पास के क्षेत्रों अंबेडकरनगर, बलरामपुर, बहराइच, बाराबंकी आदि में पिछले कई महीनों से त्योहारों के दौरान छोटी-छोटी घटनाएं कराकर सांप्रदायिक माहौल बनाया गया। अयोध्या मसले की संवेदनशीलता को लेकर यूपी के डीजीपी तक झूठ बोल रहे हैं कि पिछले डेढ़ साल में पूरे प्रदेश में कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ है। अगर नहीं हुआ तो बताएं कि बहराइच, बाराबंकी, कानपुर, आजमगढ़, कासगंज, मुजफ्फरनगर आदि जिलों में किस आधार पर मुस्लिमों को रासुका के तहत निरुद्ध किया गया है।