अन्ना को याद आया लोकपाल, कहा 30 जनवरी तक नही हुआ लोकपाल नियुक्त तो करेगे धरना
मनोज गोयल.
नई दिल्ली. जी हां, अन्ना हजारे ने एक बार फिर लोकपाल के लिया सालो बाद आवाज़ उठाई है. समाज सेवक अन्ना हजारे ने शनिवार को कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल की नियुक्ति ना होने पर वह अपने गांव में 30 जनवरी से भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह को लिखे पत्र में राजग सरकार पर केन्द्र में लोकपाल और राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति ना करने के लिए बहाने बनाने का आरोप लगाया।
ज्ञात हो कि अन्ना हजारे पहले भी कई बार लोकपाल बिल के न बनने पर भूख हड़ताल कर चुके है।मगर अन्ना हजारे 2014 के बाद से थोड़ा क्या काफी खामोश हो गए थे. इस सरकार के खिलाफ अन्ना की ख़ामोशी ने उनके विरोधियो के स्वर ही मुखर नही किया था बल्कि उनके समर्थक भी दबी जबान में उनके विरोध में होने लगे थे. दूसरी तरफ अन्ना से अलग होकर अरविन्द केजरीवाल ने अपनी पार्टी बना कर सत्ता हासिल कर लिया. इस बीच सरकार के खिलाफ बोलने वाले अन्ना हजारे की मोदी सरकार के लिये ख़ामोशी ने उनके विरोधियो के जहा स्वर तल्ख किये वही उनके समर्थको के द्वारा भी दबी ज़बान में अन्ना को दल विशेष का समर्थक कहा जाने लगा. इस दौरान 2018 में अन्ना हजारे ने एक बार धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम जंतर मंतर पर भी रखा मगर उनको कोई न तो सफलता मिली और न ही कोई फुटेज मिल सका. अब देखने वाली बात होगी कि लोकसभा चुनावों के नज़दीक आते ही अन्ना को अचानक लोकपाल की याद आना उन्हें पिछली बार के आन्दोलन इंडिया अगेंस्ट करप्शन जैसी सफलता दिलवाता है अथवा नही. इसकी वैसे तो उम्मीद कम ही लग रही है कि अन्ना को पिछली बार जैसा समर्थन प्राप्त होगा क्योकि टीम अन्ना टूट कर कई हिस्सों में बिखर चुकी है. कई बड़े नाम अब भाजपा के साथ है वही आम आदमी पार्टी में भी उनके साथी है.
मगर किसी तरह अन्ना हज़ारे इस भूख हड़ताल पर बैठ जाते है और आईएसी जैसी सफलता न सही मगर उसकी आधी भी मिलती है तो इस आन्दोलन से 2019 के चुनाव में बीजेपी को बहुत बड़ा झटका लग सकता है।