वाराणसी में भी रह चुके है दादरी हत्याकाण्ड की जाँच शुरू करने वाले ईमानदार इन्स्पेक्टर शहीद सुबोध कुमार सिंह

तारिक आज़मी

बुलंदशहर :  भीड़ तंत्र के द्वारा गोकशी के लिये शुरू हुई दादरी से हिंसा अलवर वगैरह होते हुवे आज बुलंदशहर तक पहुच गई है। बुलंदशहर के जंगल में कथित रूप से गोवंश पाये जाने के बाद उग्र हुई भीड़ ने एक ईमानदार अफसर को मौत की नींद सुला दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है की इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली भी लगी है। यह ज़ाहिर करती है की मौके पर भीड़ के द्वारा गोलिया भी चलाया गया। प्राप्त समाचारों के अनुसार गोली .32 बोर की है। इस्पेक्टर की सर्विस पिस्टल भी उपद्रवी लूट कर ले गए है।

 इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पहचान एक ईमानदार और कर्मठ इस्पेक्टर के तौर पर होती है। विभाग में उनकी इमानदारी और निष्पक्षता की चर्चाये अक्सर रहती थी। इस तरह कह सकते है कि एक ईमानदारी की मिसाल आज ख़त्म हो गई। बताते चले कि बुलंदशहर में गोकशी के आरोपों के बाद भड़की हिंसा में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह दादरी के अखलाक हत्याकांड में जांच अधिकारी भी रहे थे। उन्होंने 28 सितम्बर 2015 से 9 नवम्बर 2015 तक मामले की जांच की थी। हालांकि जांच के दौरान ही उनका वाराणसी तबादला कर दिया गया था। उनके तबादले के बाद अखलाक हत्याकांड में  दूसरे जांच अधिकारी ने मार्च 2016 में चार्जशीट दाखिल की थी।

इस घटना को लेकर डीएम अनुज झा ने बताया कि 10-11 बजे के बीच हमें सूचना मिली की गोकशी की गई है। खेत में गौवंश के अवशेष मिले। वहां पर पुलिस के लोग पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाया। इस बीच करीब तीस-चालीस लोग अवशेष ट्राली में भरकर रोड जाम करने लगे। पुलिस ने धक्का लगाकर ट्राली हटाने की कोशिश की, लेकिन पथराव शुरू हो गया। इसमें हमारे एसएचओ की मौत हो गई। झा ने बताया कि मौके पर जब सुबोध सिंह के साथियों ने देखा कि वे घायल हो गए तो उन्हें गाड़ी में ले जाने लगे, लेकिन गाड़ी पर फिर पथराव हो गया। उन्होंने बताया कि जिस समय वीडियो बनाया गया उस समय वापस पथराव शुरू हो गया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां वे मृत पाए गए।

जिलाधिकारी ने बताया कि एक गोली उनके स्कल में मिली। हमने भी मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। दूसरी तरफ, बुलंदशहर में गोकशी और बाद में हुई हिंसा के मामले की जांच के हेतु एसआईटी का गठन कर दिया गया है। इलाके में हिंसा के बाद तनाव है। किसी अनहोनी से निपटने के लिए मौके पर बड़े पैमाने पर फोर्स तैनात कर दी गई है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बुलन्दशहर में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और इस घटना में शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर के परिजन को कुल 50 लाख रूपये की सहायता का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिया है। सीएम की तरफ से शहीद पुलिस अफसर की पत्नी को 40 लाख रूपए और उनके माता-पिता को 10 लाख रूपये की सहायता की घोषणा की गई है। साथ ही आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया है। आपको बता दें कि इससे पहले भी गोकशी के विवाद में कई बार हिंसा हो चुकी हैं। नोएडा के दादरी से शुरू हुई ऐसी घटनाएं राजस्थान के अलवर, गुजरात और कई राज्यों में हो चुकी हैं। फिलहाल बुलंदशहर में तनाव बना हुआ है और इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया गया है।  बुलंदशहर में हुवे इस्तिमे का आज समापन भी हुआ है। भीड़ द्वारा कुछ इज्तिमे के वाहनों पर भी पथराव किया गया है। मगर इसके बाद स्थिति को पुलिस द्वारा संभाल लिया गया और इज्तिमे के वाहनों को रुट बदल कर भेज दिया गया।

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