बुलंदशहर हिंसा – ईमानदार इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को गोली मारने का कथित आरोपी जीतू फौजी हिरासत में, कुछ देर में हो सकता है बड़ा खुलासा
तारिक आज़मी।
डेस्क। उत्तर प्रदेश पुलिस को बुलंदशहर हिंसा मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है जब इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली मारने का आरोपी जीतू फौजी को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया गई। फौजी जितेंद्र उर्फ जीतू को आर्मी ने एसटीएफ के हवाले कर दिया है। शुक्रवार को एसटीएफ जम्मू पहुंची और वहां से उसे कस्टडी में लेकर आई।
इस प्रकरण में बुलंदशहर पुलिस ने पांच अन्य आरोपियों को हत्या के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। फौजी को गोपनीय जगह पर रखकर एसटीएफ पूछताछ कर रही है। इंस्पेक्टर की हत्या के बाद फौजी ने अपनी आरआर-22 यूनिट जम्मू में आमद करा दी थी। पुलिस के मुताबिक थाना स्याना क्षेत्र के गांव महाव निवासी आरोपी फौजी जितेंद्र उर्फ जीतू ने चौकी चिंगरावठी पर हुए बवाल में गोली चलाई थी। पुलिस का दावा है कि उसी की चलाई गोली से इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत हुई। इसकी जांच एडीजी इंटेलीजेंस, एसटीएफ और एसआईटी संयुक्त रूप से कर रही है। एसटीएफ नोएडा और बुलंदशहर पुलिस बृहस्पतिवार को फौजी को लेने के लिए जम्मू रवाना हुए थे। शुक्रवार को सीओ एसटीएफ ने जम्मू में सेना के अधिकारियों से बातचीत की।
बुलंदशहर पुलिस फौजी को कस्टडी में लाने के लिए कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेकर गई थी। पुलिस ने सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने का दावा भी किया था। ऐेसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए सेना के अधिकारियों ने जीतू को पुलिस की सुपुर्दगी में दे दिया। यह टीम उसे फ्लाइट से दिल्ली लेकर आई। वहां से गोपनीय स्थान पर ले जाकर पूछताछ शुरू की है।
आर्मी ने सूचना मिलते ही फौजी पर लगा दी थी पाबंदी
बृहस्पतिवार को पुलिस अधिकारियों ने जीतू की यूनिट के अधिकारियों से फोन पर बातचीत कर बवाल की पूरी जानकारी दी थी। यह भी दावा किया था कि उनके पास एक वीडियो है, जिसमें जीतू गोली चलाता दिख रहा है। इसकी जानकारी मिलते ही सेना के अधिकारियों ने फौजी के यूनिट से बाहर जाने पर पाबंदी लगा दी थी। उस पर निगरानी भी शुरू कर दी गई। दरअसल जीतू जम्मू के तैनात है और बवाल के दौरान अपने गांव छुट्टी पर आया था। इंस्पेक्टर की मौत का पता चलते ही वह तत्काल जम्मू चला गया।
बड़ा सवाल – कहां से मिला हथियार
फौजी ने जिस हथियार से गोली चलाई है, उसे बरामद करने लिए पुलिस उससे पूछताछ करने में जुटी है। नोएडा एसटीएफ देर रात तक दिल्ली में उसको एक गोपनीय जगह पर रखकर पूछताछ कर रही है। उसे लेकर एसटीएफ चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास (बवाल का घटनास्थल) भी जा सकती है। शनिवार को इस मामले में पुलिस और एसटीएफ खुलासा करने का दावा कर रही है।
पांच अन्य गिरफ्तार
तीन दिसंबर को स्याना में हुए बवाल के बाद पुलिस केवल तीन लोगों को ही गिरफ्तार कर सकी थी। मुख्य आरोपी बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज फरार है। शुक्रवार को पुलिस ने वायरल वीडियो से रोहित निवासी गांव बरौली वासुदेवपुर, मोनू निवासी गांव नया बांस, चंद्रपाल निवासी गांव महाच, कुलदीप निवासी गांव थल इनायतपुर व जितेंद्र उर्फ लाला निवासी गांव चिंगरावठी की पहचान की। पांचों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। एसपी सिटी प्रवीण रंजन सिंह के अनुसार बवाल में 27 लोगों को नामजद करते हुए 50-60 अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
प्रकरण में अब तक मुख्य आरोपी बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज फरार है। योगेश राज को लेकर निष्पक्ष मीडिया लगातार पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है। इस बीच जीतू फौजी की गिरफ्तारी पुलिस के लिये एक बड़ी सफलता साबित हो सकती है।