शिव विवाह वर्णन सुन भावविभोर हुए श्रद्धालुओं
कमलेश कुमार
अदरी(मऊ). कलयुग में श्रीराम कथा का श्रवण सबसे बड़ा धर्म है। पृथ्वी पर जब धर्म की हानि होती है, तब भगवान प्रकट होते हैं। भगवान राम, कृष्ण की तरह अवतरित होकर धर्म की रक्षा करते हुए पापियों का नाश करते हैं। यह विचार शुक्रवार को मानस मर्मज्ञ अयोध्या से पधारे कथा वाचक अवधेश जी महाराज ने राम जानकी मंदिर मेला मैदान मे माँ सरस्वती सेवा ट्रस्ट के तरफ से आयोजित श्री रामकथा के चौथे दिन शुक्रवार को शिव विवाह का वर्णन करते हुए श्रद्धालुओं को बताया कि भगवान शिव की बारात अद्भुत रही।
भगवान शिव की बारात जब हिमाचल पहुंची तो माता पार्वती के माता पिता और वहां मौजूद प्रजा बारात में सम्मिलत भूूत, प्रेत, औघड़ को देखकर चकित रह गए। भगवान शिव की बारात में भगवान विष्णु और ब्रम्हा देव सहित देवता भी सम्मिलत रहे। कथावाचक ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भगवान शिव सभी त्याज्य वस्तुओं को अपनाकर उसका सम्मान बढ़ाया, उन्होंने अमृत को छोड़कर विष को कमनीय पुष्पों की माला को छोड़ कर सफेद फूलो को अपनाया। इतना ही नही मेवा पकवानों को छोड़कर बेलपत्र और धतूरा से संतुष्ट होना शिव जी के परोपकारी होने का अनुकरणीय उदाहरण है। कथा के समापन पर सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर अभिषेक सिंह विक्की, अंकुर सिंह, रामप्रताप यादव, विजय बहादुर सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामानंद यादव, प्रवीण वर्मा, उमाकांत पान्डेय, संजय तिवारी, उदयभान सिंह, बबलू शाही, सुनिल सिंह, पप्पू सिंह, रविन्द्रनाथ विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे।