विवाहिता लटकी फांसी के फंदे पर, सब इंस्पेक्टर “लक्ष्मण बने संकटमोचन
सी पी सिंह विसेन
बलिया. उभांव थाना क्षेत्र के तिरनइ खिजिरपुर गांव में सोमवार को अपरान्ह लगभग 12 बजे परिवारिक कलह से क्षुब्ध 20 वर्षीय विवाहिता ने अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए लगाया गले में फाँसी का फंदा. 100 नम्बर पुलिस बनी संकटमोचन और लेकर पहुँची सीएचसी सीयर, जहाँ डॉक्टरों ने उक्त विवाहिता को काल के गाल में जाने से पहले बचा लिया. सूचना मिलते ही तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सीओ, इस्पेक्टर उभांव व चौकी इंचार्ज भी पहुँच गए और विवाहिता का बयान लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उभांव थाना क्षेत्र के तिरनइ खिजिरपुर गांव निवासी जय गोविंद का विवाह एक वर्ष पूर्व 29 मई 2016 को रसड़ा थाना क्षेत्र के माधोपुर गांव निवासी स्व0 राजेन्द्र प्रसाद की पुत्री नीरज देवी के साथ हुआ था. नीरज देवी पत्नी जयगोविंद हरिजन सोमवार को लगभग 12 बजे दिन में परिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर अपने कमरे का दरवाजा बन्द कर लिया. देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर उसकी सास ने नीरज देवी के मायके उसके चाचा को फोन किया. उसके चाचा रामबाबू उर्फ़ गुड्डू 20 मिनट बाद वहाँ पहुच गए. दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया, किन्तु नहीं खुला. इसके बाद 100 नम्बर पुलिस को फोन किया।
मौके पर पहुंचे एसआई लक्ष्मण सिंह ने लोहे के रेड से तानकर दरवाजा को तोड़ दिया. दरवाजा खुलने के बाद नीरज देवी को गले में साड़ी से फांसी लगाकर पंखे के हुक से लटका देख अवाक रह गए. इसके बाद 100 नम्बर गाड़ी से ही सीएचसी सीयर लेकर आए. वहाँ इलाज के बाद नीरज देवी (20) स्थिति में सुधार हुआ।