कुदरत का करिश्मा भी अजीब होता
अखिलेश सैनी/बलिया।
रेवती कुदरत का करिश्मा भी अजीब होता है। कोई पुत्र के लिए दर-दर भटकता है तो किसी को एक साथ तीन-तीन मिल जाता है। स्थानीय सीएचसी पर शनिवार की सुबह एक महिला ने तीन बच्चों को जन्म दिया। तीनों बच्चे स्वस्थ्य हैं। क्षेत्र के रामपुर (दीघार) निवासी मोहन गोड़ की पत्नी ललिता देवी को शुक्रवार की भोर में प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों ने आशाबहू सुमित्रा देवी को बुलाया। आशाबहू के साथ परिजन करीब तीन बजे भोर में ललिता को एम्बुलेन्स से लेकर सीएचसी पहुचे, जहां स्टाफ नर्स मंजू सिंह के काफी परिश्रम के बाद ललिता ने शनिवार की सुबह तीनों बच्चों को जन्म दिया। स्टाफ नर्स मंजू सिंह ने बताया कि पहला बच्चा 02 किलो का है, जिसका जन्म सुबह 7.20 बजे हुआ। वहीं दूसरा बच्चा सवा किलो तथा तीसरा एक किलो का है, जिनका जन्म 7.25 बजे हुआ। ललिता को इससे पहले पांच वर्षीय बेटा सोनू (5) तथा दो वर्षीय पुत्री सोनम हैं। चिकित्सक की अनुपस्थिति में कार्यभार देख रहे चीफ फर्मासिस्ट डा़ एसएन तिवारी ने बताया कि कभी-कभी मेडिसिन के प्रभाव से ऐसा होता है, लेकिन यह केश नेचुरल है। तीन जिंदा स्पर्म एक साथ ओवरी में प्रवेश कर जाने से ऐसा नेचुरल केश हो जाता है। जच्चा-बच्चे स्वस्थ्य है। एहतियातन जच्चा-बच्चे को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है।