नोट की चोट – दोपहर होते ही जवाब दिए एटीएम, बैंकों पर उमङा जनसैलाब, किस्मत वालों को ही मिला पैसा

अन्जनी राय/बलिया
बड़े नोटों पर प्रतिबंध के बाद रुपयों के लेन-देन के लिए बैंकों व एटीएम पर उमड़े जनसैलाब की वजह से दोपहर होते-होते सभी जगहों पर पैसे खत्म हो गए। लोगों के ओवरलोड से 11 बजे के बाद ही बैंकों ने भी हाथ खड़े कर दिए। नगर के स्टेट बैंक में ग्राहकों की जबर्दस्त भीड़ को देख 11 बजे के बाद ही लाउडहेलर से मैसेज दिया जाने लगा। स्थिति रही कि दोपहर होते-होते जिले के अधिसंख्य बैंकों व एटीएम में रुपये खत्म हो गए जिसके बाद स्थिति पूरी तरह अनियंत्रित हो गई। सुबह से लेकर शाम तक लोग लाइन में ही लगे रह गए लेकिन इसमें कुछेक भाग्यशाली व्यक्तियों को ही पैसा मिल सका। इस बीच रुपये के लिए लोग एक से दूसरे एटीएम तक भागते रहे पर कहीं कोई राहत नहीं मिली। इसमें जिनके यहां शादी-विवाह आदि आयोजन थे उनकी स्थिति तो और भी खराब रही। इसको लेकर पूरे दिन अफरातफरी की स्थिति रही तो लोग बड़े नोटों को चेंज कराने के लिए हांफते रहे। इसमें दर्जनों बैंकों में मामला कई बार नोकझोंक तक भी पहुंच गया जिसको लेकर भगदड़ की स्थिति रही।
बताते चलें कि सुबह बैंकों व एटीएम के ताले खुलने के घंटों पूर्व भोर से ही लोग डेरा डाल दिए थे। इसमें कई एटीएम पर तो लोगों के घंटों खड़े रहने के बाद भी उनके ताले नहीं खुले। इसको लेकर लोगों ने सरकार के साथ ही व्यवस्था पर भी जमकर आक्रोश व्यक्त किए। इसको लेकर लोग पूरे दिन कोसते रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी भयंकर रही। सुबह से ही लंबी लाइन में लगे लोग रुपये के लिए छटपटाते रहे लेकिन उनको कहीं से भी राहत नहीं मिल सकी। इसको लेकर क्षेत्रों में गजब की असहज स्थिति रही। हालात कहे तो ग्रामीण क्षेत्रों के एटीएम पर करीब आधा किमी तक की डबल लाइनें लगी रही। रुपये न मिलने की स्थिति में लोगों ने जमकर हंगामें किए तो कई जगह मारामारी की स्थिति रही। कुल मिलाकर जिले के बैंकों में अभी बाहर से पर्याप्त रुपये नहीं आने की वजह से नारकीय स्थिति ही रही। लोग रुपये के लिए हर ओर बेचैन होकर घूमते रहे लेकिन कहीं भी निदान नहीं मिला। दूसरी ओर सरकार से निर्धारित स्थानों पर 24 नवंबर तक पुराने नोट लेने के आदेश जारी होने के बाद भी संबंधित जगहों पर इसे नहीं लिए गए। इस कारण लोग और भी हलकान रहे। ऐसे में लोग किसी भी तरह से रुपयों को चेंज कराने की जुगत में लगे रहे पर कोई काम नहीं आया।
जनपद में सबसे खराब स्थिति जनपद में करीब 92 की संख्या में संचालित पूर्वांचल बैंकों की बनी हुई है। नोटबंदी के बाद से ही इन बैंकों में रुपये नहीं जा रहे ई जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में और भी आफत हो गई है। चूंकि पूर्वांचल बैंकों में गांवों के लोगों का खाता सबसे अधिक है इससे रुपये नहीं पहुंचने से लोगों को और भी दिक्कत हो रही है। हालांकि इसको लेकर सोमवार को बैंकों की बैठक में जिलाधिकारी ने इसी मंशा से पूर्वांचल बैंकों में पर्याप्त रुपये भेजने के निर्देश दिए थे। जबकि मंगलवार को जिले में पर्याप्त धन नहीं पहुंचने से स्थिति और बदतर हो गई है।

बैंकों व एटीएम पर अपार भीड़ होने की वजह से लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। भीड़ को लाइन में लगाने व बवाल आदि को रोकने के लिए सीओ सिटी केसी सिंह, सदर कोतवाल सुनील सिंह व ओक्डेनगंज चौकी इंचार्ज सत्येंद्र कुमार राय अपने मातहतों के साथ नगर के एटीएम व बैंकों आदि पर घूमते रहे। इसमें कई जगहों पर बेकाबू होती भीड़ को स्थिर करने के लिए पुलिस को कड़ा रूख भी अख्तियार करना पड़ा।

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