हे प्रभु – कानपुर सेंट्रल पर रेल नीर की जगह दबंग बेच रहे अवैध पानी

(मो0 नदीम) राजेन्द्र केसरवानी के साथ कैमरामैन दिग्विजय सिंह एवं निजामुद्दीन की रिपोर्ट

पानी हेतु लगी यह मशीन स्टेशन के दबंगों ने ख़राब करवा रखी है ताकि उनकी बिक्री हो सके रेल पुलिस की संलिप्तता का आमजन लगाते है आरोप  

कानपुर 14 नवम्बर 2016 
रेल मंत्री सुरेश प्रभु यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर कई बदलाव रेलवे विभाग में करते आ रहे है जिसमे खान पान से लेकर यात्रा के दौरान यात्रियों को होने वाली असुविधा प्रमुख रूप से शामिल है लेकिन रेल मंत्री सुरेश प्रभु जी के रेलवे को बेहत्तर बनाने के अच्छे प्रयासो को उन्ही के विभाग के अधिकारियो की  मिलीभगत से अवैध कार्यो द्वारा  चकना चूर किया जा रहा है

इस पानी की गुणवत्ता की गारंटी किसकी है 
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन में रोज़ाना सैकड़ो यात्रियों का आना जाना लगा रहता है जाहिर है स्टेशन आने पर यात्री खाने पीने के सामान की खरीदारी भी करते है जिसमे पानी प्रमुख रूप से आता है चूँकि जल ही जीवन है इसी का फायदा उठाकर सेंट्रल रेलवे पर रेल नीर की जगह,अवैध रूप से अवैध वेंडरों द्वारा आसना,एल्पाइन,नामक नीचे दर्जे के ब्रांडों का पानी खुले आम बिकवाया जा रहा है और यात्रियों की जेब के साथ-साथ स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है एक से लेकर दस प्लेटफार्म पर बिक रहे अवैध पानी पर जी0 आर0 पी0 और आर0 पी0 ऍफ़0 की खास कृपा दृष्टि की बात सामने आ रही है शायद यही वजह है कि रेल नीर जैसे स्वच्छ और वैध पानी की जगह पर नीचे दर्जे के आसना एवं एल्पाइन नामक अवैध पानी को अवैध कारोबारी डंके की चोट पर बिकवा रहे है

क्यों बिक रहा है नीचे दर्जे का पानी 

साहेब लोग कहते है रेल नीर की जगह यह पानी रेल पुलिस बिकवा रही है 

बताना चाहेंगे रेलवे विभाग ने यात्रियों के स्वास्थ्य को देखते हुए रेल नीर पानी को जाच पड़ताल के बाद उत्तम और शुद्ध माना है इसीलिए रेल नीर को सिर्फ रेल यात्रियों के लिए ही वैध किया गया है  इसे रेलवे के बाहर बेचना अवैध है रेल नीर की थोक कीमत 12.50 रूपए है और उसे 15 रूपए से ज्यादा नहीं बेच सकते है सिर्फ 2.50 रूपए का मुनाफा इसके अलावा इसे अगर कोई बाहर बेचता पकड़ा जाता है तो रेलवे उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करता है वही आसना एवं एलपाइन जैसे कई ब्रांड धड़ल्ले से अवैध वेंडर द्वारा 20 रूपए में बेचे जा रहे है जिनकी असली थोक कीमत 6.50 रूपए है  एक बोतल पर ही 13.50 रूपए का मुनाफा यानी रेल नीर के मुकाबले नीचे दर्जे के पानी से अवैध कारोबारियों की चांदी चांदी पानी के इस अवैध प्रकरण में संचालक के रूप में राहुल शिवम् एवं कालू नाम निकलकर सामने आ रहे है और इन्हें रेलवे पुलिस का पूरा संरक्षण प्राप्त है शायद यही वजह है जिसकी वजह से पानी के अवैध कारोबारी किसी से बिना डरे रेलवे में अपनी अवैध दुकाने चला रहे है

बहरहाल मामला कुछ भी हो लेकिन अगर रेलवे प्रशासन अपने पर आ जॉय तो रेलवे परिसर पर कोई एक माचिस की डिब्बी तक नहीं बेच सकता तो ये अवैध पानी क्या चीज है अवैध पानी के प्रकरण से ये बात साफ़ नज़र आती है की हमारे रेल मंत्री सुरेश प्रभु जी हर सम्भव कोशिश कर रहे है रेलवे को विकास के पथ पर ले जाने की पर क्या करे उन्ही के मातहत उनके अच्छे कार्यो पर पर पानी फेरने पर लगे हुए

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *