लापरवाही से नहीं बाज आ रहा पलिया नगर पालिका प्रशासन, कड़कड़ाती ठंड में भी नगर में नहीं जलाये जा रहे अलाव
फारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी। जिले के तराई इलाकों में सर्दी अपना कहर लगातार बरपाती जा रही है मनुष्य क्या पशु पंक्षी भी हाड़ कपाने वाली सर्दी से परेशान हो चुका है और इस कपकपाने वाली सर्दी से शासन हो या फिर प्रशासन सभी अलर्ट हो चुका है और जनमानस की समस्या को देखते हुए ही जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह और पुलिस अधीक्षक पूनम ने रातों में मय अमराह के शहर में घूमकर बेबस और मजबूर लोगों को गरम कपड़े और कंबल बाटे साथ ही रैन बसेरों यथास्थिति भी जानी , स्थिति खराब होने पर जिम्मेदारों को कड़ी फटकर भी लगायी और पूरे जिले में सभी नगर पालिकों को आदेश भी दिया कि नगर में हर चौराहों पर अलाव की व्यवस्था और नगर में जगह जगह हर सुविधा सहित रैन बसेरा को बनाने के सख्त निर्देश भी दिये,जिससे की आमजन को राहत महसूस हो सके ।परंतु उनके दिशा निर्देशो को दरकिनार रखते हुए पलिया नगर पालिका प्रशासन अपनी लापरवाही से बाज नहीं आ रहा है और नगर में रैन बसेरा तो दूर अलाव की भी व्यवस्था कहीं नजर नहीं आ रही है।
आपको बता दें कि तहसील पलिया जो कि तराई इलाका होने की वजह से नगर में सर्दी का सितम पूरी तरह से चर्म सीमा पर हैं और इस कड़कड़ाती सर्दी की वजह से बेबस और मजबूर लोगों की स्थिती बहुत ज्यादा खराब है और वह जगह जगह भटकते घूम रहें हैं बस यही आस लिये कि कहीं तो उनकी फरियाद कोई सुन ले। परंतु उनकी इस फरियाद को एक आम नागरिक तो सुनता दिखाई दे रहा है परंतु पलिया नगर पालिका प्रशासन पूरी तरह से अपने दोनों आंखों और कानों को बंद किये हुए है। नगर में न तो कहीं अलाव की व्यवस्था नजर आ रही है और न ही रैन बसेरा की हालत सुधरी दिखाई दे रही है अलाव व्यवस्था की बात करे तो नगर में बस गिने चुने चौराहों पर वो भी गिने चुने दिन ही अलाव जलता दिखाई दे रहा है आम लोगों के कहने के बावजूद भी अलाव व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आया नगर के मेन चौराहों की बात करे तो मेला सिंह चौराहा चांदनी चौराहा चमन चौराहा ,स्टेशन चौराहा सहित न जाने कितने चौराहे हैं जहां पर अलाव की व्यवस्था प्रतिदिन होना आवश्यक है जिससे की बाहर से आने वाले लोग या फिर नगर वासियों को सर्दी के सितम से निजात मिल सके।
परंतु फिर भी पालिका प्रशासन अपनी लापरवाही के चलते कभी कभी ही अलाव की व्यवस्था करता है और न जाने कितने चौराहें हैं जहां अभी तक अलाव ही नहीं जलाये गये और रैन बसेरों की बात करें तो नगर में एकमात्र रैनबसेरा स्टेशन रोड पर बनाया गया है जो शायद ही कभी खुला हो और सुविधाओं की बात करें तो वहां पर केवल खाना पूर्ति ही की गयी है ।जब रैनबसेरों के पास मौजूद लोगों से बात की गयी तो उन्होने बताया कि रैन बसेरा खुलता ही नहीं हैं तो आमजन को राहत कहां से मिल सके। अब सवाल यह उठता है कि नगर पालिका में नगर वासियों की राहत के लिये जो बजट आता है तो वो कहां जाता हैं यह सोचनीय विषय है और एक सवाल यह भी है कि वैसे भी पलिया नगर पालिका भ्रष्टाचार से लिप्त रही हैं और वहां के बाबुओं पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते आये हैं अब देखना यह है कि आला अधिकारी पालिका प्रशासन पर इस लापरवाही के लिये क्या कार्यवाही करता है।