नोटबंदी की ऐसी पड़ी मार – सब्जी कारोबारी और किसान हुवे बेहाल

चंद्र प्रताप सिंह “बिसेन”
बलिया : बलिया के पूर्वी इलाके व पश्चिमी बिहार के गांवों व बाजारों  के सब्जी बिक्रेताओं  की पहली पसन्द बैरिया ग्राम पंचायत के बीबीटोला में सुबह लगने वाली थोक सब्जी मण्डी में लगातार तीन दिन से उदासी पसरी है। उल्लेखनीय है कि सबेरे सात बजे से दस बजे तक यहां सब्जी की थोक मण्डी लगती है. वहां मिर्जापुर, बैरिया, भीखाछपरा, कोटवा, बैजनाथछपरा आदि आस पास के गावों के सब्जी उत्पादक किसान अपनी सब्जियां लेकर आते हैं और बिना किसी बिचौलिये के दूर दूर से आने वाले सब्जी बिक्रेताओं को नकद बेच कर दस बजे तक वापस अपने घर चले जाते हैं।
बीबीटोला सब्जीमण्डी में तीन दिन से छाई है उदासी बीबीटोला सब्जीमण्डी में तीन दिन से छाई है उदासी यहां से ताजी सब्जियां ले जाकर सब्जी विक्रेता बलिया के पूरब के बाजारों व गावों तथा पश्चिमी बिहार के गावों व बाजारों में बेचते हैं। कुछ सीजनल सब्जियां जैसे परवल, मिर्च, टमाटर, गोभी वगैरह पूरब व पश्चिम बंगाल तक जाती है। इस मण्डी में औसतन एक हजार से अधिक सब्जी उत्पादक लगभग दस लाख रुपये का दैनिक व्यवसाय करते हैं। इस मण्डी की सबसे बडी विशेषता यह है कि बिना कि बिचौलिये के किसान सीधे क्रेताओं से थोक व नकदी का सौदा करते हैं।
इन दिनो गोभी, मिर्च, बैगन, साग, मूली, भिण्डी करेला आदि सब्जी का उत्पादन हुआ है। बाजार ठीक ठाक चल रहा था कि अचानक 500 व हजार का नोट बैन हो गए। अपना गोभी लेकर आये किसान राम दरस मौर्य ने बताया कि बाहर से खरीदार व्यापारी आ नहीं रहे हैं। जो आ रहे हैं, वह उधारी माग रहे हैं। बाजार से लगभग सौ छोटे बड़े वाहनों से सब्जियां बाहर जाती थी। तीन दिनो से दस गाड़ी भी नहीं जा रही है। नोट बन्दी से किसान अपने उत्पाद को लेकर परेशान हलकान हैं।

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