देर शाम को पहुंचा शहीद का शव, परिजनों समेत पूरे क्षेत्र में मचा कोहराम, गांव में ही हुआ अंतिम संस्कार

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आने की मांग की परिजन ने.

अन्जनी राय
बलिया : जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में मंगलवार को शहीद हुए बलिया के जांबाज जवान हरेन्द्र यादव का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार की शाम 6:15 पर उसके गांव हब्सापुर पहुंचते ही पूरे क्षेत्र में कोहराम मच गया। शहीद जवान हरेन्द्र यादव का अंतिम संस्कार गांव पर ही रात्रि 8:30 बजे किया गया ।
शहीद की शव यात्रा में कई हजार की संख्या में लोग शामिल हुए। सेना के जवानों ने शहीद के शव को गार्ड आफ ऑनर दिया। तत्पश्चात मातमी धुन बजाकर शहीद को अंतिम सलामी दी। साथ ही क्षेत्र की जनता के साथ साथ सेना के जवानों ने भी पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा लगाया और  शहीद हरेन्द्र यादव अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा हरेन्द्र तेरा नाम रहेगा का नारा लगाया।
शहीद हरेन्द्र यादव के शव यात्रा में शामिल प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कबीनां मन्त्री जियाउद्दीन रिजवी ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर अंतिम विदाई दी।इस दौरान भाजपा सांसद रवीन्द्र कुशवाहा, बैरिया विधायक जयप्रकाश अंचल, बिल्थरा रोड विधायक गोरख पासवान, जिलाधिकारी गोविन्द एनएस राजू, पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण, सीओ रसड़ा श्रीराम, एसओ नगरा, एसओ भीमपुरा, उपजिलाधिकारी बिल्थरारोड बाबुराम, नायाब तहसीलदार चन्द्रभूषण प्रताप, ज़िला पंचायत चेयरमैन सुधीर पासवान, सीयर ब्लाक प्रमुख विनय प्रकाश अंचल, भाजपा नेता इंजीनियर प्रवीण प्रकाश, शिवदेनी उर्फ़ साधू, सूर्यबल्ली राम, जिला पंचायत सदस्य टियन यादव, अमरजीत यादव और ओमप्रकाश यादव आदि ने पुष्प और माला अर्पित कर शहीद को अंतिम विदाई दी।

शहीद के नाम पर चुप्पी से केन्द्र और प्रदेश सरकार से शहीद के परिजन और क्षेत्रीय लोग खफा

शुक्रवार को शहीद के गांव व घर में मातमी सन्नाटा पसरा रहा जबकि शहीद के परिजन केंद्र व प्रदेश सरकार की चुप्पी से खासा दुखी थे।
गुरुवार को शहीद के अंतिम दर्शन व दाह संस्कार को परिजन के अलावा बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी संग केंद्र के भाजपा व प्रदेश के सपा सरकार के नुमाइंदे भी मौजूद रहे किंतु शहीद के नाम पर मदद संबंधित घोषणा को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार का कोई भी जनप्रतिनिधि कुछ भी खुलकर नहीं बोले। उनकी चुप्पी से परिजन तो आहत है ही पूरा क्षेत्र आक्रोशित है। शहीद हरवेंद्र यादव की पत्नी ज्ञांति देवी समेत परिजनों ने दाह संस्कार से पहले शव को दरवाजे पर ही रख अपनी नाराजगी भी जता दी थी। शहीद के चचेरे भाई राममिलन यादव व हरिकेश यादव ने कहा कि घर के दरवाजे पर शहीद का शव रोके जाने के बाद भी केंद्र व प्रदेश सरकार के नेताओं ने खुलकर शहीद स्मारक बनाने तक की घोषणा नहीं की। यह शहीद का अपमान है, जिसे देश कतई माफ नहीं करेगा। परिजन लगातार गांव में शहीद स्मारक व शहीद के नाम पर गांव का नाम परिवर्तित करने समेत गांव के चतुर्दिक विकास को विशेष तौर पर घोषणा करने की मांग कर रहे हैं। परिजन दाह संस्कार के समय सीएम के आने की मांग पर भी अड़े रहे। शुक्रवार की सुबह सेना के मेजर गौतम अरोणा ने शहीद के परिजन को दस हजार नकद दिए और शहीद की पत्नी को जल्द ही फंड दिलवाने का आश्वासन दिए।

शहीद के परिजनों की मांग

  • शहीद के शव को जलाए गए स्थान पर बने शहीद स्मारक
  • शहीद के नाम पर हो गांव का नाम
  • राज्य सरकार से शहीद की पत्नी को मिले नौकरी
  • सीएम करें स्मारक व गांव के विकास की घोषणा

विधायक ने शहीद का स्मारक बनवाने का दिया आश्वासन

बिल्थरारोड के विधायक गोरख पासवान ने शहीद के परिजनों को सरकार की तरफ हर प्रकार की मदद दिलाने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि शहीद के गांव में हर हाल में स्मारक बनेगा एवं गांव का चहुमंखी विकास होगा। गांव के सुनील शर्मा के दरवाजे से शहीद के घर तक की सड़क को आरसीसी बनाया जाएगा।

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