बैंको ने नही लिया 2005 के पहले का तथा पतली धारी वाली नोट

यशपाल सिंह 
आजमगढ़। पांच सौ व एक हजार के नोटो का बंद होने से दूसरे दिन भी भारी दुश्वारी हुई। कही तो लिया जा रहा तो कही नही लिया गया। खास कर वाहन सवारो को बड़ी दिक्कतो का सामना करना पड़ा। गुरूवार की सुबह से ही उपभोक्ता ,किसान,युवा वर्ग के लोग बैंक में लम्बी कतार लगा कर रूपये जमा करने की बारी में इंतेजार कर रहे थे। जैसे ही बैंक पर कर्मचारी बैठे कि उन्हे सैकड़ो उपभोक्ताओं का लेन देन देखना पड़ा। कही कही तो लोग धक्क मुक्की करने लगे। कहा कि लाइन में मै पहले आया था

दूसरे ने कहा कि मै आया था। सुरक्षा की दृष्टि से रैदोपुर स्टेट बैक पर पहुंचे शहर कोतववाल शिशिर त्रिवेद्वी नेग्राहकों को लाइन में लगा कर उन्हे इंतेजार करने का फरमान सुना दिया। और खुद घंटो वहीँ उपभोक्ताओं के बीच में जमे रहे। वही तैयारी के रूप में बैंक प्रशासन द्वारा सीसी कैमरो को दुरूस्त किया गया था और काउंटर भी बढ़ाये गए थे । लालगंज में इन एक हजार व पांच सौ रूपयों की नोट बंदी व एक दिन के बंद हुये बैंक के खुलने के बाद गुरूवार को लोगों की भारी भीड़ हर बैंक की शाखा में उमंड पड़ी। ग्रामीणों द्वारा अपने-अपने खातों में एक हजार व पांच सौ रूपयों की नोट बदलने के लिये काफी होड़ मची रही। बैंक में किसी प्रकार की कोई समस्या व बैंक के बाहर कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिये सीओ एसपी तोमर तथा प्रभारी निरीक्षक देवगांव मुनीष प्रताप सिंह मय फोर्स के साथ हर बैंकों का दौरा करते देखे गये तथा बैंक कर्मियों व ग्राहकों से मिल-मिल कर स्थिति का जायजा लेते रहे। बैंक प्रबंधन ने कैश काउंटरों की संख्या मे बढोत्तरी की तथा जनता को अपने स्तर से काफी सहूलियत प्रदान की। बाजार मे नकदी की उपलब्धता की स्थिति पूरी तरह गड़बड़ होने से ग्राहकों तथा दुकानदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। जहां पुराने नोटों को लेकर ग्राहक दुकानों पर बराबर पहुंचते रहे

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