वाराणसी – हर छतो पर गूंजी भक्काटा की सदा
अनुपम राज
वाराणसी। वैसे तो शहर बनारस अपनी मस्ती के लिये विश्व विख्यात है। यहाँ का पान, यहाँ की साड़ी और यहाँ की गलिया जिस तरह से दुनिया में अपनी चमक से सबको आकर्षित करती है वैसे ही यहाँ की अल्हड़ता भी विश्व विख्यात है। हम बनारसी मस्ती के मौको की तलाश करते है और मिल जाए तो ज़ाया नही करते है।
ऐसी ही मस्ती के दिन आज के होते है जिसको बनारस में खिचड़ी के नाम से पुकारा जाता है। गुड की मिठास, पट्टी के चाव, चूड़ो की कुर्मुराहत, चुडा मटर और दही चुडा के स्वाद के साथ यहाँ आज के दिन पतंगबाज़ी का अपना अलग ही नज़ारा रहता है। पतंग उडाना तो कई शहरों और देशो में होता है मगर जैसी पतंगबाजी बनारस में होती है वैसी दुनिया के किसी हिस्से में नहीं होती है।यहाँ पतंग उड़ाने वाला अगर पतंग काट देता है तो वह सिर्फ मन में खुश नही होता है बल्कि जुबां से भी ख़ुशी का इज़हार करता है। लफ्ज़ भी ऐसे होते है कि मन को मोह ले। कानो में मिश्री का मिश्रण घोल दे। पतंग किसी की भी कटे आवाज़ ज़रूर आती है भक्काटा रजा।।।।।।।।।
इस भक्काटा रजा के प्रेम भरे मिश्रित शब्दों के साथ आज खिचड़ी पर बड़े तो बड़े बच्चो ने भी जमकर पतंगबाजी किया। शहर की शायद ही कोई ऐसी गली रही होगी जिसमे से ये सदा सुनाई न दे रही हो।