माध्यमिक शिक्षा विभाग ने दिया 100 वर्ष पुराने जर्जर भवन वाले विद्यालय को क्लीन चीट
प्रदीप दुबे विक्की
भदोही-जनपद भदोही में कई जीर्ण-शीर्ण भवनों में निजी विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है, जिन विद्यालयो में हवा-पानी-रोशनी भी देखने के लिए विद्यालय भवन को छोड़कर बाहर जाना होता है, जनपद में कई विद्यालयों के समूचे भवन मे जगह-जगह बड़ी -बड़ी दरारे पड़ गयी है। ऐसे मे यदि विद्यालय प्रबंधन बच्चों को स्कूल के जीर्ण-शीर्ण भवनों मे बैठाकर अध्ययन-अध्यापन कार्य संपादित करते है, तो कभी भी किसी अनहोनी की संभावना को नजर अंदाज नही किया जा सकता। वही ऐसी विषम स्थिति मे पालकों के समक्ष भी अपने बच्चों को ऐसे स्कूल मे पढ़ाने के लिए भिजवाने मे असमंजस की स्थितियों से गुजरना पड़ रहा है, स्कूल प्रबंधन को भी पढ़ाई कार्य में होने वाली मोटी मलाईदार कमाई के लिए कक्षाएं लगाने तथा कार्यालयीन कार्य के लिए कक्षों के चयन किए जाने पर दुविधाओं से गुजरना पड़ रहा है।
जिसकी बानगी के रूप में गोपीगंज में नगर पालिका के ठीक सामने संचालित एक विद्यालय का भवन अत्यंत जर्जर व बिना रोशनी के होते हुए भी विभागीय पकड़ के कारण संचालित किया जा रहा है, जिस पर शिक्षा विभाग की मेहरबानी तो देखिये जाच करने से पहले विद्यालय को सूचित करके जाच किया जा रहा है, और जाच में अनियमितता मिलने पर भी हजारो बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ कर, कारवाई से कन्नी काटते हुए धडल्ले से विद्यालय का संचालन कराते हुए किसी बड़ी अनहोनी को आमंत्रण दिया जा रहा है। जिस पर जनसूचना के क्रम में अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद गोपीगंज के द्वारा अवर अभियंता से जाच करायी गयी, जिस जाच में विद्यालय कैंपस 100 साल पुराना व बहुत ही जर्जर स्थिति में बतलाया गया, जिस पर अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद गोपीगंज के द्वारा विद्यालय जर्जर स्थिति में होने पर विद्यालय प्रबंधक को उक्त कैंपस में पठन-पाठन ना कराने हेतु नोटिस भेजते हुए अपने उत्तरदायित्व से मुक्ति प्राप्त कर ली गयी, जबकि विद्यालय का संचालन अद्यतन उक्त जर्जर स्थिति में ही चल रहा है, जो कि पूर्व में माध्यमिक विभाग के द्वारा की गयी जाच में विद्यालय में सभी स्थिति सही पाई गयी थी, जिस पर सूत्रों के हवाले से खबर है कि माध्यमिक विभाग के पटल बाबु के इशारे पर जनपद में ऐसे विद्यालयों का संचालन कोचिंग का रजिस्ट्रेशन देते हुए, 01 मान्यता 02 शाखाये चलवाते हुए धडल्ले से कराया जा रहा है, और उनके द्वारा जनसूचना, शिकायत से लेकर परीक्षा केन्द्रों में भी बड़े लम्बे पैमाने पर धाधली करते हुए लिपापोती की जा रही है, जिस भ्रष्टाचार से सम्बंधित विभाग के अधिकारी भी अंजान नहीं है, परन्तु नियमो को ताक पर रखते हुए कारवाई करने का उजहमत नहीं पाल रहे है।