बिजनौर – स्योहारा थाने के पास हुई इंसानियत लज्जित, नहीं हुई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार की भी सुनवाई
महेंद्र सिंह चौहान/ बिजनौर
स्योहारा। बात बीते शुक्रवार की है जब इन्सानियत की हर हद पार करते हुए एक मुकबधिर एव मन्द बुद्धि की जमकर लाढी डन्डो से पिटाई की गई। महज थाने से दूर कुछ कदमो पर इन्सानियत तार तार होती रही ओर पुलिस सोती रही। जी हाँ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शुक्रवार की शाम शाहनवाज जो मन्द बुद्धि है। बह आसिफ की दुकान के सामने से गुजरा तो आसिफ ने मन्द बुद्धि एवं मूक बधिर से हसी मज़ाक करना शुरू कर दिया।
इस पर अहमद जो शहनावाज के साथ था उसने आसिफ से ऐसा करने को मना किया तो आसिफ ने मानवता को ताक पर रख कर अपने दो साथियों के साथ शाहनवाज व अहमद को डन्डो से पिटाई कर गम्भीर रूप मे घायल कर दिया। उधर से गुज़र रहे रिजवान व मौजुदा अन्य लोगो ने छुडाया। इस घटना की जानकारी तत्काल थाने को दी गयी। लेकिन कोई सुनवाई नहीँ हुई। जी हाँ इस घटना मे शराफ़त का नकाब पहने वाले सफ़ेद पोशाकी चहरो की तानाशाही भी सामने आई जो पुलिस के कार्यवाही न करने से साफ़ ज़ाहिर हो सकती है। पीड़ित मन्द बुद्धि एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार से समबन्ध रखता है। तहरीर पाकर पुलिस का चुप बैठ जाना मानवता का हनन नहीँ तो क्या है। पीड़ित की तबियत ज्यादा ख़राब देख स्योहारा के सरकारी अस्पताल मे भर्ती कराया ओर मेडिकल कराया।
इस बात का जब पत्रकारो को पता लगा तो मानवता की रक्षा के लिए जब थाना प्रभारी से बात की तो थाने मे मौजूद पुलिसवालो की हक़ीक़त सामने आई कि इस घटना से किसी भी कार्यालय स्टाफ ने थानाप्रभारी को रुबरु न कराया। घटना की जानकारी पाते ही थाना प्रभारी शीशुपाल शर्मा ने एनसीआर लिखने आदेश दिये। तहजीब के लिए पहचाना जानेवाला स्योहारा को इस घटना से दाग़ लग गया।इस घटना ने सोचने को मजबूर कर दिया है कि जब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की सुनवाई नहीं हुई तो आम जन का क्या होता होगा.