बेटी तुम जुग जुग जियो – बेटियों ने दिया बाप के अर्थी को कन्धा और दी मुखंग्नी

प्रह्लाद गुप्ता.
वाराणसी. हिंदू परंपरा के अनुसार बेटा ही पिता को कंधा देता है और बेटे ही परिवार के सदस्यों को मुखाग्नि दे सकते हैं, लेकिन वाराणसी में इस परंपरा को तोड़ते हुए 4 बेटियों ने पिता के शव को कंधा देकर शमशान घाट तक पहुंचाया और मुखाग्नि भी दी 

वाराणसी की रहने वाली इन बेटियों ने एक समाज के सामने नयी मिशाल कायम किया बड़ी बेटी गरिमा जो राजस्थान में सीडीओ है उसने  हमें बताया की वो किसी ऐसे शास्त्र को नहीं मानती जो बेटे और बेटी में फर्क करता हो हमारे पिता ने कभी फर्क नहीं किया हम पांच बहने है और हमारा सौभाग्य है की हमें अपने पिता का अन्तिम क्रिया करने का मौका मिला है.
इस पिता का शरीर भले ही अब जीवित न हो पर जिसकी पांच बेटिया इस काबिल हो की वो रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ अपने पिता को मोक्ष दिला सके ऐसी बेटियो पर किसे नाज नहीं होगा बीएचयू से एमएससी कर रही छोटी बेटी कहती है की उन्होंने हमें कभी बेटा नहीं समझा बल्कि बेटी के तौर पर ही इस काबिल बनाया की हम किसी से कम न रहे और आज हम अपने पिता के जाने के बाद वो सभी कार्य कर रहे है जो एक बेटा करता है.
बेटियो के इस कदम से खुद उनके परिजन और पडोसी भी बेहद खुश है उनका कहना है इन बेटियो ने आज बेटो से भी बढ़कर काम किया है गलत परम्पराओ को तोड़ते हुए उनका ये कदम बेहद सराहनीय है अपने पिता को मोक्ष तक ले जाने से बड़ा दूसरा कोई नेक रास्ता नहीं।

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