सपा से बर्खास्त किए गए नेता संभालेंगे अखिलेश की रथयात्रा कमान, चाचा शिवपाल रथ से भी गायब और पोस्टरों से भी
(जावेद अंसारी)
सपा परिवार में हुई कलह के बाद अखिलेश बनाम शिवपाल की जंग में अब जिलों के कार्यकर्ता भी खुलकर कूद रहे हैं। गुरूवार को अखिलेश यादव चुनाव प्रचार की शुरुआत के तहत समाजवादी रथ यात्रा निकाल रहे हैं। जिसमें से शिवपाल का फोटो न होना चर्चा का विषय बना हुआ है।
वहीं अब जिलों में भी कार्यकर्ताओं ने शिवपाल से दूरी बना ली है। अखिलेश यादव की समाजवादी विकास रथ यात्रा के मद्देनजर पूरे लखनऊ में पोस्टर और होर्डिंग लगे हैं। शहर के चप्पे-चप्पे पर लगे ये होर्डिंग और पोस्टर्स हर आने-जाने वाले को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं। इन होर्डिंग्स में कहीं अखिलेश को बाहुबली दिखाया गया है, तो कहीं ‘शिवपाल कहे दिल से, अखिलेश फिर से’ जैसे स्लोगन लिखे नजर आ रहे हैं। इन होर्डिंग्स की खास बात ये रही कि इसमें अखिलेश-मुलायम और डिंपल तो दिखे लेकिन ज्यादातर में शिवपाल यादव की तस्वीर गायब ही रही।
शिवपाल ने कहा :-
शिवपाल ने कहा कि 24 अक्टूबर को आपने देखा ही क्या हुआ. जिनको नहीं आना था वो भी आ गए, 5 नवंबर को सब कार्यकर्ता तैयार रहें, 5 नवंबर के बाद फील्ड में निकलेंगे,साम, दाम दंड और भेद सबका इस्तेमाल करो।इससे पहले समाजवादी लोहिया वाहिनी की बैठक को संबोधित करते हुए शिवपाल ने कहा कि पार्टी संगठन सरकार से बड़ा है, उन्होंने कहा, संगठन में मैंने न पूछे जाने वाले लोगों को तरजीह दी,ऐसे लोगों ने सरकार का भी मजा नहीं लिया, पार्टी के लिए लोगों ने बहुत संघर्ष किया है, मैं भी कई बार जेल गया। भीड़ देखकर मैं उत्साहित हूं, पार्टी को खड़ा करने में नेता जी का बहुत बड़ा संघर्ष रहा है। गलत काम का मैंने सरकार में रहते हुए भी विरोध किया।पिछले दिनों अखिलेश यादव ने कहा था कि दीपावली के अलावा हमारे दो त्योहार और भी हैं,एक 3 नवंबर की रथयात्रा और दूसरा 5 नवंबर का सिल्वर जुबली सेलिब्रेशन, लेकिन यह त्योहार से ज्यादा पार्टी का इम्तिहान भी है, अगर रथयात्रा में पूरा परिवार शामिल होता है तो ये इस बात का संकेत होगा कि चुनाव में पार्टी एकजुट रहेगी।