आख़िर किसको घर संभालने के लिए कह रहे हैं नितिन गडकरी
आफ़ताब फ़ारूक़ी
: मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आए दिन ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे कहीं न कहीं उनके बयानों को प्रधानमंत्री मोदी से जोड़कर देखा जा रहा होता है। इस बीच नितिन गडकरी के एक और बयान से नया विवाद छिड़ गया है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार भारत के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने ताज़ा बयान में कहा है कि ‘ लोग पहले अपने घर की देखभाल करें, क्योंकि जो अपना घर नहीं संभाल सकता, वह देश नहीं संभाल सकता, ऐसे में पहले अपना घर संभालें और अपने बच्चे, संपत्ति देखने के बाद पार्टी और देश के लिए काम करें।’
मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भाजपा कार्यकर्ताओं को पहले अपनी घरेलू ज़िम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए क्योंकि जो ऐसा नहीं कर सकता, वह ‘देश नहीं संभाल सकता।’ गडकरी, भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को शनिवार को संबोधित कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि बता दें, इससे पहले नितिन गडकरी के एक बयान से सियासी पारा गरमा गया था। फ़िल्म अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर को बीजेपी में शामिल कराने के कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा था कि सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है, इसलिए सपने वही दिखाओ जो पूरे हो सकें। गडकरी ने कहा कि मैं सपने दिखाने वाले में से नहीं हूं, मैं जो बोलता हूं वो 100 प्रतिशत डंके की चोट पर पूरा करता हूं।
इस बीच राजनीतिक टीकाकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले नितिन गडकरी के इस बयान के अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। विपक्ष मोदी को सपनों के सौदागर का तमग़ा दे चुका है और अच्छे दिनों के नारे पर जमकर चुटकी ली जाती है। ऐसे में गडकरी के इस बयान पर राजनीतिक ड्रामा होना तय माना जा रहा है। 70वें गणतंत्र दिवस के मौक़े पर नितिन गडकरी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बातचीत करते देखे गए थे, एक कार्यक्रम में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ़ भी की थी और इन सब के बाद सपने दिखाने वाले नेताओं की पिटाई जैसे बयान, गडकरी की मोदी के साथ चल रहे कुछ मतभेदों की ओर संकेत करते हैं।