सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पेशी से पहले ही एम नागेश्वर राव ने मांगी बिना शर्त माफ़ी
आदिल अहमद
नई दिल्ली: बिहार के शेल्टर होम प्रकरण की जाँच कर रहे अधिकारी का सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद तबादला करने के मामले में सख्त हुवे अदालत के रवैये के बाद आज सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव द्वारा हलफनामा दाखिल करके बिना शर्त माफ़ी मांग लिया है। एम नागेश्वर राव ने कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगते हुए अपने हलफनामे में कहा कि वह अपनी गलती स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि अदालत के आदेश के बिना मुख्य जांच अधिकारी को स्थानांतरित नहीं करना चाहिए था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कृपया मेरी माफी स्वीकार करें। नागेश्वर राव के माफीनामे पर सुप्रीम कोर्ट कल विचार करेगा।
बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि ‘भगवान ही आपकी मदद कर सकते हैं’। दरअसल मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले से जुड़े सीबीआई के अधिकारी के ट्रांसफर से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व अंतरिम सीबीआई प्रमुख एम नागेश्वर राव को 12 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एके शर्मा को हटाए जाने से नाराजगी जताते हुए उस वक्त के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को तलब किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नागेश्वर राव ने एके शर्मा का ट्रांसफर कर अवमानना की है। 12 फरवरी को नागेश्वर राव व अन्य अफसर पेश होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले आदेश में हमने कहा था कि जो सीबीआई की टीम जांच कर रही है, उसके सीनियर मोस्ट ‘एके शर्मा’ ही होंगे। उनका ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। एके शर्मा जॉइंट डायरेक्टर सीबीआई थे और उन्हीं की निगरानी में शेल्टर होम की जांच चल रही थी। आगे सीजेआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि 17 जनवरी 2019 को कैबिनेट कमिटी की स्वीकृति के बाद उनका ट्रान्सफर किया गया। उनको सीआरपीऍफ़ में एडिशनल डायरेक्टर बनाया गया।