उलेमा कौंसिल ने भोपाल मुठभेड पर उठाया सवाल, कहा हिंदुस्‍तानी मुसलमानों के खिलाफ सोची समझी साजिश है,

  • यह अमित शाह और आईबी के दिमाग की उपज है – आमिर रशादी 
  • ये देश को गृहयुध्‍द की तरफ ढकेल रहे हैं – आमिर रशादी  

यशपाल सिंह

आजमगढ़. राष्‍ट्रीय उलेमा कौंसिल के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने भोपाल इनकाउंटर पर सवाल उठाया है और उन्‍होंने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। मौलाना ने कहा कि भोपाल की मुठभेड हिंदुस्‍तानी मुसलमानों के खिलाफ एटिएस और सरकार की सोची समझी प्‍लानिंग का नतीजा है। ये लोग समुदाय विशेष  को एक प्‍लान के तहत बदनाम कर हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत पैदा कर रहे है।

उन्‍होने कहा कि सभी युवकों पर आतकंवाद का आरोप था। ऐसे लोगों को ऐसी सेल में रखा जाता है जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता। इनके सेल तक पहुंचने के लिए एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन से अधिक दरवाजे पार करने होते है। फिर भी वे जेल से फरार हो गये वो भी एक साथ आठ की संख्‍या में लेकिन किसी को भनक नहीं लगी। इसके बाद पुलिस और एटिएस ने उन्‍हें दस घंटे बाद एक ही स्‍थान पर मार गिराया। उनके कपड़े, जूते नये थे। आखिर ये चीजें उनके पास कहां से आयी। आखिर एक के पास तो पुराने कपड़े होने चाहिए थे।
उन्‍होंने सवाल उठाया कि यदि उन्‍हें एजेंट मिल गया था तो वे एक स्‍थान पर क्‍या कर रहे थे। यह सब एक सोचा समझा प्‍लान है। रशादी ने सवाल उठया कि मुठभेड़ में मारे गये युवक 24 से 28 साल के हैं जबकि 2001 में सिमी पर बैन लग गया था। ऐसे में जो आज 24 साल का है वह उस समय आठ और जो 29 का है वह 13 साल का रहा होगा। आखिर वे सिमी के सदस्‍य कैसे हो सकते हैं।
सोची समझी साजिश के तहत मुस्लिम युवकों का आतंकवाद के नाम पर उत्‍पीड़न किया जा रहा है। यह सब आईबी और अमित शाह के दिमाग की उपज है। गुजरात में भी ऐसा ही हुआ था और बटला इनकाउंटर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.

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