बुज़ुर्ग होने के वजह से बन्दुक तो नही उठा सकता, मगर आवश्यकता पड़ी तो सैनिको के लिये ट्रक आज भी चला सकता हु – अन्ना हजारे

मनोज गोयल

महाराष्ट्र. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की प्रतिक्रिया आई है। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को कहा कि सेना का ट्रक चलाने की ताकत उनमें अभी तक है। अपने अनशन के बाद वह इस समय अस्पताल में भर्ती हैं। अन्ना हजारे एक समय सेना में एक चालक थे।

अन्ना हजारे के हवाले से उनके एक करीबी सहयोगी ने उनके वक्तव्य को मीडिया तक पहुचाते हुवे कहा कि उन्होंने कहा है कि बुजुर्ग होने के कारण मैं बंदूक नहीं उठा सकता लेकिन अगर जरूरत हुई तो मैं देश के लिए लड़ाई करने वाले अपने सैनिकों को पहुंचाने के लिए निश्चित रूप से वाहन चला सकता हूं।

बताते चले कि अन्ना हजारे 1960 में एक ट्रक चालक के रूप में सेना में शामिल हुये थे। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान वह खेम करन सेक्टर में तैनात थे।

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