रस्सी जल गई मगर ऐठन न गई, पाकिस्तान कहा भारत के आरोप बेबुनियाद, गीदड़ भभकी देकर कहा आक्रामक हुवे तो अंजाम बेहतर न होगा
अनिला आज़मी
कहते है विनाशकाले विपरीत बुद्धि। लगता है पाकिस्तान का विनाश काल करीब आ रहा है। तभी तो वह मक्कारी के साथ अब गीदड़ भभकी पर उतर आया है। पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद की स्थिति के बारे में रविवार को अफ्रीकी और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के राजदूतों को जानकारी दी। दरअसल। आतंकवाद को एक राजकीय नीति के तौर पर पाकिस्तान इस्तेमाल करता है। इस मामले में पाकिस्तान की कलई खुलने लगी है और भारत ने आतंकवादी घटनाओ में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली में ‘पी 5’ राष्ट्रों समेत 25 देशों के राजदूतों को इस बारे में जानकारी दी थी। ‘पी 5’ देशों में अमेरिका। चीन। रूस। ब्रिटेन और फ्रांस शामिल हैं।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने आज रविवार को कहा कि विदेश सचिव तहमीना जनजुआ ने पुलवामा हमले के बारे में विदेश मंत्रालय में राजदूतों को जानकारी दे रही हैं। फैसल ने कहा कि भारत के आरोप बेबुनियाद हैं और नई दिल्ली का ‘आक्रामक रूख उसके लिए ही नुकसानदेह साबित होगा और क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा पैदा करेगा। एससीओ राष्ट्रों को पुलवामा हमले के बारे में जानकारी देने के दौरान विदेश सचिव ने ऐसी घटनाओं पर बगैर जांच के फौरन पाकिस्तान पर दोष मढ़ने की भारत की प्रवृत्ति की याद दिलाई। बता दें कि भारत और पाकिस्तान 2017 में एससीओ के सदस्य बने थे।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि पुलवामा हमले की वैश्विक स्तर पर आलोचना होने के फौरन बाद राजदूतों को जानकारी देने की कवायद शुरू कर दी गई थी। क्योंकि भारत ने हमले के लिए पाकिस्तानी तत्वों को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने बताया कि अब तक ‘पी 5’ देशों के राजदूतों। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों। यूरोपीय संघ के सदस्यों और अन्य यूरोपीय देशों को जानकारी दी गई है।
पाकिस्तान के इस बयान को गीदड़ भभकी के तौर पर देखा जा रहा है। विदित हो कि पकिस्तान की औकात तक भारत से लड़ने की नहीं है। खुद कटोरा लेकर भीख मांगने के कगार तक पहुच चूका पाकिस्तान अब गीदड़ भभकी से काम चलाने की शायद सोच रहा है। जबकि वास्तविकता ये है कि भारत पकिस्तान जैसे दस मुल्को को अकेले सबक सिखा सकता है।