वक्त ने किया क्या हँसी सितम के तर्ज पर ओमप्रकाश राजभर की सभी शर्ते मान भाजपा ने उनको मनाया

संजय ठाकुर/अंजनी राय

नई दिल्ली: वर्ष 2014 में भाजपा भले गठबंधन से चुनाव लड़ी थी मगर अकेले इतनी सीट जीत कर आई थी कि उसको किसी के समर्थन की आवश्यकता नही थी। इसको वक्त का सितम ही कहेगे कि पांच राज्यों के चुनावों में मिली भाजपा को पटखनी ने उसे अपने सहयोगी दलों से गठबंधन बना कर रखने पर मजबूर कर दिया है। पहले बिहार में नितीश ने बराबर से सीट लिया। उसके बाद अनुप्रिया की सभी मांगो को मान लेने के बाद अब भाजपा से नाराज़ चल रहे सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर को भी भाजपा ने मना लिया है और जानकारी के अनुसार उनकी सभी मांगे मान लिया गया है।

योगी सरकार में मंत्री और बीजेपी की सहयोगी दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की नाराजगी को दूर कर दिया गया है। मोदी सरकार और बीजेपी से नाराज चल रहे ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर से अमित शाह की मुलाकात हुई। जानकारी के मुताबिक इस मुलाकात में राजभर की लगभग सभी मांगों को मान लिया गया है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी मौजूद थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ओमप्रकाश राजभर ने अपने इलाकों में रुके विकास कामों को तुरंत शुरू कराने की मांग की थी जो मान लिया गया है। इसके अलावा राजभर ने मांग लिया था कि पिछड़ा वर्ग आयोग में आधा दर्जन समर्थकों को सदस्य बनाया जाए। इसे भी स्वीकार कर लिया गया है। इसके अलावा लखनऊ के राजभवन कॉलोनी में ओम प्रकाश राजभर को अपनी पार्टी के दफ्तर के लिए टाइप 6 का बंगला दिया जाएगा। उनके लिए राजभवन कॉलोनी में 2 नंबर बंगले को चुना गया है। हालांकि सीटों के बंटवारे को लेकर अब तक बात नहीं पाई है। सीटों पर बंटवारे के लिए 26 फरवरी का दिन चुना गया है। इस दिन तय होगा कि गठबंधन में राजभर की पार्टी के हिस्से में कितनी सीटें आएंगी।

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