महिलाओं को कुपोषण के दुष्परिणाम की जानकारी होनी चाहिए :- जिलाधिकारी

गौरव जैन

रामपुर जनपद में ग्रामीण स्तर पर किशोरियां एवं महिलाओं को उनके स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल के लिए यह आवश्यक है कि उनमें कुपोषण के लक्षण एवं उसके दुष्परिणाम के बारे में पर्याप्त जागरूकता हो। इसके लिए जमीनी स्तर पर आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसलिए उनकी जिम्मेदारी तय करें।
जिलाधिकारी श्री आन्जनेय कुमार सिंह विकास भवन सभागार में आयोजित पोषण समिति की बैठक में जनपद में कुपोषण से लड़ने के लिए समय-समय पर की जा रही विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में अध्यापक बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ ही स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के बारे में भी सिखायेंगे तथा उनके खान-पान पर भी ध्यान रखेंगे। इसके लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी खण्ड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से विद्यालयों को निर्देशित करें। उन्होंने कहा कि स्थानीय पौष्टिक खाद्य पदार्थ एवं फलों का चयन करके उन्हें कन्वर्जन प्लान के माध्यम से चिन्हित बच्चों तक पहॅुचाने की दिशा में भी आवश्यक कदम उठाएं। कुपोषण एक बीमारी है जिसके लिए सम्बन्धित अधिकारी गम्भीरतापूर्वक कार्य करें।

आशा एवं आगंनबाड़ी कार्यकत्रियों को कुपोषण के लक्षण एवं उनसे बचाव के बारे में पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए इसके लिए स्वास्थ्य एवं आई0सी0डी0एस0 के अधिकारी उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करें। ताकि वे महिलाओं एवं किशोरियों को बेहतर सलाह प्रदान कर सकें।
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के बारे में बेहतर जागरूकता लाना तभी सम्भव है जब किशोरियों एवं महिलाओं से प्रत्येक समस्या के बारे में खुलकर बात होगी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्री शिवेन्द्र कुमार सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 सुबोध कुमार शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री राजेश कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रीमती ऐश्वर्या लक्ष्मी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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