भाजपा के जुताबाज़ सांसद को मिला है कई महत्वपुर्ण पद, लिख चुके है किताब, जाने किसने क्या कसा इस घटना पर तंज़
आरिफ अंसारी
भाजपा कल से ही सोशल मीडिया यूज़र्स के हाशिये पर है। चारो तरफ भाजपा सांसद की आलोचनाये हो रही है। वीडियो को दिखा कर मजाक उड़ाया जा जरा है। कुछ यूज़र्स तो भाजपा तो भारतीय जूता पार्टी के नाम से भी संबोधित करने लगे है। इस दौरान जुतेबाज़ भाजपा सांसद ने अपने कृत्यों के लिये शर्मिंदा होते हुवे एक समाचार एजेंसी से माफ़ी भी मांगी है। मगर मामला तुल पकड़ता जा रहा है और हालिया हालातो को देख कर ऐसा लगता है कि शायद इस चुनाव में उनका टिकट पार्टी काट भी दे। सब मिलाकर एक शिलापट पर नाम न होने के बाद भड़के सांसद महोदय अब खुद का काफी नुक्सान कर बैठे दिखाई दे रहे है।
यूं भाजपा के ये जुताबाज़ सांसद संत कबीर दास पर किताब लिख चुके हैं, किताब लिखना अलग बात है और उनकी शिक्षाओ पर अमल करना एक अलग बात है। जो कल से वायरल हो रहे वीडियो में दिखाई दे रही है। सांसद महोदय भी शायद शिक्षाओं पर अमल करना भूल गए। नहीं तो भरी सभा में अपनी ही पार्टी के विधायक पर जूता चलाकर न खुद की फजीहत कराते और न ही चुनावी मौसम में पार्टी को असहज करते। संत कबीरनगर सीट से सांसद शरद त्रिपाठी उत्तर-प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी के बेटे हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में हरिशंकर तिवारी के बेटे भीमशंकर उर्फ कुशल तिवारी को करीब 98 हजार वोटों से हराकर पहली बार संसद में पहुंचे शरद त्रिपाठी का यूं तो संसदीय रिकॉर्ड अच्छा रहा है। चाहे सदन में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा हाजिरी हो या फिर डिबेट में भाग लेने के साथ सवाल उठाना। मगर जिस तरह से उन्होंने बुधवार को जनपद में विकास योजनाओं की मीटिंग के दौरान प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन और डीएम की मौजूदगी में सरेआम पार्टी विधायक राकेश बघेल की जूते से पिटाई की, उससे वह अपने आचरण को लेकर गंभीर रूप से फंस गए हैं। शरद के पिता रमापति राम त्रिपाठी 2007 से 2010 तक यूपी बीजेपी के अध्यक्ष रहे।
शरद की उम्र नौ जनवरी 1971 की जन्मतिथि के हिसाब से करीब 47 साल के हैं। विदेश मामलों की स्थायी समिति के सदस्य के साथ वह ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज, पेयजल और स्वच्छता पर सलाहकार समिति के भी सदस्य हैं। 12 जून 2017 को हाउस कमेटी के भी मेंबर नियुक्त हुए। खेलकूद में भी रूचि रखते हैं। अपने जिले की फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। संपत्ति की बात करें तो 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान उन्होंने कुल संपत्ति 36।26 लाख दिखाई थी।
अब बात करे सोशल मीडिया पर उनके इस व्यवहार पर उठे सवालो पर तो सबसे बड़ा जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने तंज कसा। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत से मेरा जूता सबसे मजबूत।’ वही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुवे लिखा है कि ‘आज यूपी में विश्व की सबसे अनुशासित राजनीतिक पार्टी का दावा करनेवाली भाजपा के सांसद व विधायक जी के मध्य जूतों का सादर आदान-प्रदान हुआ। यह आगामी चुनावों में अपनी हार से आशंकित भाजपा की हताशा है। सच तो ये है कि लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भाजपा को प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे हैं।
कवि कुमार विश्वास ने घटना को लेकर तंज कसा है। उन्होंने इस हाथापाई के बाद एक ट्वीट कर कहा कि दो राष्ट्रवादी लोगों में कहासुनी हो गई! एक सांसद एक विधायक! सीमा पर कौन पहले जाए पाकिस्तान से लड़ने शायद यही मुद्दा रहा होगा! आख़िर तक सुनिए वीडियो….आख़िर में अलग-अलग भाषा-बोली में ‘भारतमाता की जय’ भी शायद सुनाई देगा! ऐसे लोग देश की संसद और विधानसभाओं में ज़रूर भेजते रहें।