अपने अधिकार के लिए ससुराल पर धरने पर बैठी विवाहिता को थानेदार साहेब ने किया शांतिभंग में बुक

अन्जनी राय/यशपाल सिंह
आजमगढ़ : एक तरफ जहां महिलाओं को उत्पीडन से मुक्ति दिलाने व त्वरित न्याय दिलाने के लिए सरकार तरह तरह के आयोगो का गठन और कानून बना रही है तो वही पुलिस का रवैया  राजनीतिक दवाव व घूसखोरी के चलते पुराने ढर्रे पर है और महिलाओ को न्याय तो दूर की बात बल्कि उन्हे बेवजह जेल की हवा खानी पड जा रही है।
जी हां ऐसा ही मामला आजमगढ जिले के मुबारकपुर थाने मे बुधवार को देखने को मिली। सुराई गांव मे तीन दिन से ससुराल में बेटी संग धरने पर बैठी महिला नीलम और उसके पति संजय को पुलिस थाने लाई और सुलह समझौते  मे लगी रही । इसी बीच पुलिस के सामने ही पति ने   नीलम को कई थप्पड जङ दिया जबकि पुलिस अपने कर्तव्यो से बिमुख होकर  दोनो को जेल भेज दिया।
तहबरपुर थाने नैपुरा गांव निवासी वीरेन्द्र की लडकी नीलम के पहले पति की मौत के बाद मिले रूपये पर नजर गडाये मुबारकपुर थाने के सुराई गांव के संजय पुत्र शेषनाथ ने शादी कर ली और शादी के बाद संजय आजमगढ शहर मे किराये का कमरा लेकर रहने लगा और नौकरी के नाम पर पांच लाख रुपये ले लिया। कुछ समय बाद संजय और रुपये की मांग करने लगा रूपये न मिलने पर नीलम को छोड कर संजय अपने गांव भाग आया। इसे देख नीलम भी ससुराल पहुंच गयी। नीलम स्थानीय पुलिस के यहां 26 दिन से न्याय की गुहार लगाता रही लेकिन पुलिस के यहां न्याय न मिलने पर थकहार कर सोमवार को ससुराल में 8 माह की बेटी के साथ घर के बाहर धरने पर बैठ गयी। इसे देख देर रात पुलिस ने नीलम और संजय को थाने उठा लाई। 
इस बाबत मुबारकपुर थाना प्रभारी सन्तलाल यादव ने बताया कि दोनों पक्षों को समझाने पर नहीं मानने की दशा में शान्ति भंग की आशंका में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है।

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