तारिक आज़मी की मोरबतियाँ – कांग्रेस का न्यूनतम आय फार्मूला, 48 साल बाद कांग्रेस की इस घोषणा से अन्य दल बेचैन क्यों ?
तारिक आज़मी
लोकसभा चुनावों के घमासान के बीच कल कांग्रेस कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर देश के हर गरीब परिवार को सालाना 72 हजार रुपये दिए जायंगे। कांग्रेस की कार्य समिति की बैठक के बाद गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि पिछले पांच वर्षों में देश की जनता को बहुत मुश्किलें सहनी पड़ी हैं। हमने निर्णय लिया और हम हिंदुस्तान के लोगों को न्याय देने जा रहे हैं। यह न्याय न्यूनतम आय गारंटी है। ऐसी योजना दुनिया में कहीं नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि कहा, ” हम 12000 रुपये महीने की आय वाले परिवारों को न्यूनतम आय गारंटी देंगे। कांग्रेस गारंटी देती है कि वह देश में 20 फीसदी सबसे गरीब परिवारों में से प्रत्येक को हर साल 72000 रुपये देगी। यह पैसा उनके बैंक खाते में सीधा डाल दिया जाएगा।
राहुल गांधी ने इस घोषणा पर पहले थोडा गौर किया जाते तो राहुल ने कहा कि अगर मोदी जी सबसे अमीर लोगों को पैसा दे सकते हैं तो कांग्रेस भी सबसे गरीब लोगों को पैसा देगी। इसे दुनिया की सबसे बड़ी न्यूनतम आय योजना करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह गरीबी पर आखिरी हमला है। यह योजना चरणबद्ध तरीके से चलाई जाएगी। यह बहुत ही प्रभावशाली और सोची समझी योजना है। हमने योजना पर कई अर्थशास्त्रियों से विचार विमर्श किया है। उन्होंने कहा कि देश के करीब 20 प्रतिशत परिवारों को न्यूनतम आय गारंटी का वादा किया। कांग्रेस की न्यूनतम आय गारंटी योजना के तहत 25 करोड़ लोगों को डायरेक्ट स्कीम का फायदा मिल सकेगा। मिनिमन इनकम लाइन 12 हजार होगा, जबकि सालाना 72000 रुपए की आय गारंटी होगी। इस योजना के अंतर्गत करीब 5 करोड़ परिवारों को लाभ मिल सकेगा। राहुल गांधी ने कहा, यह याद रखिए कि हर रोज आपसे चोरी की जा रही है, हर रोज आपसे पैसा लिया जा रहा है। हमने मनरेगा कमिट किया था और अब आय गारंटी देकर दिखा देंगे। हम गरीबी मिटा देंगे। हमारा कहना है कि अगर आप काम कर रहे हो तो महीने में 12 रुपए से आय कम से कम होनी चाहिए। हिंदुस्तान में अगर मिनिमन इनकम से कम आमदनी है तो सभी की आय बढ़ाने की कोशिश करेंगे, जिससे उन्हें गरीबी से निकाला जा सके।
इस दौरान राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधाते हुवे कहा कि ‘इस देश का एक झंडा है और प्रधानमंत्री की पॉलिटिक्स में दो हिंदुस्तानी झंडा है। एक अनिल अंबानी जैसे अमीर लोगों का झंडा और दूसरा गरीबों के लिए। उन्होंने आगे कहाकि 21वीं सदी में हिंदुस्तान में इस देश में गरीबी को हटाना है। यह स्कीम नहीं है यह अब गरीबी पर आखिरी पड़ाव है। हम दो हिंदुस्तान नहीं बनने देंगे, यह अमीरों और गरीबों दोनों का ही देश होगा।
क्यों है भाजपा बेचैन
आपको स्मरण दिलवाते चले कि देश के अन्दर गरीबी के ऊपर सबसे पहले देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व० इंद्रा गाँधी ने मुद्दा बनाया था और नारा दिया था “गरीबी हटाओ”। सन 1971 के इस नारे ने इंद्रा गाँधी को पूर्ण बहुमत दिलवाया था। ये बहुमत काफी बड़ा था। ये दौर था जब कांग्रेस के विरोध में स्वर उठने लगे थे। देश में गरीबी एक बड़ी समस्या के तरह आज भी विकराल मुह बाए हुवे है। आज भी देश में गरीब और अमीर के बीच एक बहुत बड़ा फासला है। अगर नज़र उठाकर देखे तो देश के अन्दर आय में काफी फर्क है। राहुल गांधी द्वारा योजना की घोषणा के बाद अन्य दल विशेषतः भाजपा के पेशानी पर बल आना स्वाभाविक है।
गरीबी पर मुद्दा कभी खाली नही गया है। ये बात भाजपा भी भली भाति जानती है। मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान में किसान के मुद्दे पर सत्ता गवा चुकी भाजपा को यह ज़रूर परेशान कर सकता है। ख़ास तौर पर उस स्थिति में जब लाख दावे किये जाए और कोई कुछ भी कागजों पर कहे मगर नोटबंदी और जीएसटी के बाद माध्यम और छोटे तबके के ऊपर पड़ा बोझ छोटे और मझोले कारोबारियों की कमर टेढ़ी किये है। बेरोज़गारी के लिए बड़े बड़े दावो के बाद भी ज़मीनी हकीकी ज़िन्दगी में बेरोज़गारी बढ़ी है। इस तरीके के माहोल में कांग्रेस का ये वार अमोघ अस्त्र साबित हो सकता है।
स्मरण रहे कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में किसानो के क़र्ज़ माफ़ी को मुद्दा बना सत्ता तक पहुची कांग्रेस ने एक सप्ताह के अन्दर जिस प्रकार से किसानो के क़र्ज़ माफ़ी का एलान कर दिया उसने कही न कही केंद्र में सत्तारूढ़ दल भाजपा को सोचने के लिए मजबूर कर दिया और केंद्र सरकार ने किसानो के लिए सालाना आर्थिक सहायता की घोषणा कर दिया। अब भाजपा को इसके तोड़ के लिए अपने घोषणा पत्र में बड़ी तैयारी करना होगा, गौरतलब है कि एक तरफ़ा मुकाबले में इसी न्यूनतम आये जैसे मुद्दे पर एक दल ने विधान सभा चुनावो में भाजपा और कांग्रेस दोनों को पटखनी दे दिया था और चुनाव में लगभग एकतरफा जीत हासिल कर सरकार बनाया था। अब देखना होगा कि भाजपा जो कांग्रेस के इस एलान के बाद कही कही परेशानी के बल को पेशानियो में लिए विचार मग्न है वह अपने अगले घोषणा में किस मुद्दे पर लाकर चुनावों को खड़ा करती है। मगर राहुल की इस घोषणा ने एक बार फिर से उनकी दादी इंद्रा गाँधी की याद को ताज़ा करवा दिया है।