आंगनबाड़ी केंद्र रो रहे अपने हालात पर नहीं ले रहा कोई सुध

फारूख हुसैन
निघासन खीरी- निघासन तहसील क्षेत्र में  आंगनबाड़ी केंद्रों का बहुत ही बुरा हाल है आंगनबाड़ी केंद्रों पर  हौसला पोषण योजना की उपलब्धियां अधिकारियों की लापरवाही के चलते समाप्त होती नजर आ रही है। एक तरफ सासन और जिलाधिकारी महोदय बच्चो को साक्षर बनाने के लिए कई प्रकार के प्रयास कर रहे है वही आंगनबाड़ी से सम्बंधित अधिकारी सरकार की योजनाओं को डुबोने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है जिससे आंगनबाड़ी केंद्रों में 10% बच्चे भी नहीं आते है और न ही बच्चो को सरकार के द्वारा उपलब्ध कराया गया पोष्टिक आहार जैसे दलिया, बिस्कुट भी बच्चो को नहीं मिल पाता जिससे तहसील के अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र अपनी ही दशा पर आंसू बहाते हुए नजर आते है।
सरकार के द्वारा बच्चो के लिए उपलब्ध कराई गई दलिया आंगनबाड़ी कार्यकत्री के घरो के खर्चे चलाने में उनकी काफी मदद कर रही है। बताते चले की क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकत्री बच्चो को दिए जाने वाली दलिया को बेच कर अपने घरों  का खर्चा निकाल रही है और यही कारण है कि आज क्षेत्र के अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र अपनी ही दशा पर आँसू  बहाते नजर आ रहे है इन आंगनबाड़ी केंद्रों के अधिकारियो ने न ही कभी इनका हाल जाना और न ही इनकी तरफ मुड़ के देखा जिससे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को हौसले बढ़ते नजर आ रहे है।
क्षेत्र में बहुत से आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे भी है जिन्हें कंडो का गोदाम बना दिया गया है न तो उसमें कोई बच्चे आते है और न ही आंगनबाड़ी केंद्र के कार्यकत्री आता है तो सिर्फ उस आंगनबाड़ी केंद्र का पैसा जिसे अपना जेब खर्च बनाकर सरकार के रुपयों का दुरूपयोग किया जाता है।वैसे एक बात है अगर आंगनबाड़ी केंद्रों पे सरकार और अधिकारियों ने ध्यान न दिया तो आने वाले समय में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिती बहुत ही दयनीय हो जायेगी  और आंगनबाड़ी कार्यकत्री सरकारी रुपयों से ऐसे ही अपना जेबखर्च बनाती रहेंगी।

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