किस हद तक गिरती जा रही हैं सरकारें।
आदिल अहमद
घटना सऊदी अरब की सरकार के बारे में है जिसने भारी रक़म देकर ब्रिटेन की सरकार को भी अपने अपराधों में शामिल कर लिया है।
ब्रिटेन के डेली मेल अख़बार में यह ख़बर आई है कि सऊदी अरब और इमारात के लिए ब्रिटेन यमन में बड़े अमानवीय मिशन पर काम कर रहा है। ब्रिटेन यमनी किशोरों को युद्ध की ट्रेनिंग देकर उन्हें इस देश में जारी युद्ध में झोंक रहा है।
डेली मेल ने इस संदर्भ में अपनी सारी जानकारियों संयुक्त राष्ट्र संघ को देने पर सहमति जता दी है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारियों ने अख़बार से संपर्क करके जानकारियां मांगी थीं।
जिन यमनी बच्चों को ब्रिटेन युद्ध की ट्रेनिंग दे रहा है उनकी उम्र 13 साल से शुरू होती है।
अख़बर ने उन यमनी बच्चों के चित्र भी प्रकाशित किए हैं जिन्हें ब्रिटिश सैनिकों ने ट्रेनिंग दी है। यह भी बताया गया है कि ब्रिटिश सेना के युद्धक विमान संभावित रूप से यमन पर होने वाले बमबारी में भी लिप्त हैं।
रिपोर्ट है कि सऊदी अरब ने यमन में युद्ध के लिए किराए के जो सैनिक हासिल किए हैं उनमें 40 प्रतिशत बच्चे हैं।
सवाल यह है कि अपने स्वार्थों के लिए सरकारें किस हद तक गिरती जा रही हैं?!