भाजपा नीत एनडीए को तगड़ा झटका देते हुवे ओमप्रकाश राजभर ने जारी किया अपने प्रत्याशियों की लिस्ट, मोदी के खिलाफ वाराणसी से लड़ेगे बनारस से सिद्धार्थ राजभर, देखे लिस्ट
आफताब फारुकी/आदिल अहमद
लखनऊ। योगी सरकार के केंद्रीय मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने आज भाजपा नीत एनडीए को बड़ा झटका देते हुवे अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दिया है। ओमप्रकाश राजभर द्वारा जारी लिस्ट में राजभर समाज का प्रतिनिधित्व करते हुवे सिद्धार्थ राजभर को बनारस से मोदी के खिलाफ टिकट देकर सियासी हल्के में खलबली पैदा कर दिया है।
पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को कहा कि भाजपा से लोकसभा सीटों के बंटवारे पर बातचीत के कई दौर हुए लेकिन कोई नतीजा नही निकला। अंत में भाजपा नेताओं ने प्रस्ताव रखा कि घोसी लोकसभा सीट से मुझे उनके चुनाव चिन्ह कमल पर लोकसभा चुनाव लड़ना होगा, जिसे मैंने सिरे से खारिज कर दिया। चाहे समाजवादी पार्टी हो, या बहुजन समाज पार्टी या कांग्रेस या भारतीय जनता पार्टी हो। किसी ने भी हमारे समाज को प्रतिनिधित्व नहीं दिया। मैं अपने पिछड़े, दबे, शोषित समाज के सम्मान के लिये अपनी पार्टी के 39 उम्मीदवारों की आज घोषणा कर रहा हूं।
साथ ही उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के पहले चरण के चुनाव में आठ लोकसभा सीटों पर हमारे समाज के लोगों ने ”नोटा” का बटन दबाया। अब हमने पांचवें, छठे और सातवें चरण के होने वाले चुनाव के लिये उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं। इनमें वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर की सीटें भी शामिल हैं।
ओमप्रकाश राजभर ने आज जिन प्रत्याशियों की घोषणा किया उनमे प्रमुख सीट धौरहरा से राम मूर्ति अर्कवंशी, सीतापुर से सुनील अर्कवंशी, मोहनलाल गंज से विजय गौंड, लखनऊ से अभय पटेल, गोरखपुर से राधेश्याम सैथ्वार, मिर्ज़ापुर से दरोगा बियार और वाराणसी से सिद्धार्थ राजभर व आजमगढ़ से यशवंत सिंह विक्की, घोसी से महेंद्र राजभर प्रमुख है।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशियों की सूची…. pic.twitter.com/XmVlB6YZh5
— Suheldev Bhartiya Samaj Party (SBSP) (@SBSP4INDIA) April 16, 2019
भाजपा को चुनावों में ये एक बड़ा सियासी झटका हो सकता है। ये सियासी झटका सिर्फ लोकसभा चुनावों में ही नही बल्कि इसका असर विधानसभा पर भी पड़ सकता है। वैसे तो विधानसभा में भाजपा के पास पर्याप्त सीट उपलब्ध है और सुभासपा के अलग होने से उसको फर्क नही पड़ेगा, मगर कही न कही इससे विपक्ष मजबूत होगा। गौरतलब है कि दो वर्षो में विधानसभा का अधिकतर सत्र हंगामी रहा है और विपक्ष ने जमकर हंगामा किया है।