जिले के सभी मतदान केंद्र धूम्रपान मुक्त क्षेत्र घोषित, पकड़े जाने पर होगी कार्यवाही – डीएम मऊ
संजय ठाकुर
मऊ – महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा प्रदेश के सभी मतदान स्थलों को तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित करने का आदेश दिया गया है। यह जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सतीश चंद्र सिंह द्वारा दी गयी। उन्होने बताया कि जिला स्वास्थ समिति के अध्यक्ष को महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ द्वारा एक आदेशानुसार कहा गया कि जिले के सभी मतदान केंद्रों को तंबाकू उत्पादों का सेवन किया जाना गैर-कानूनी माना जाएगा जो आईपीसी 1860 की धारा 268, 269, 278 सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम धारा की 4 का उल्लंघन है।
इसी क्रम में जिला स्वास्थ समिति के अध्यक्ष और जिला निर्वाचन अधिकारी श्री ज्ञान चन्द्र त्रिपाठी के आदेशानुसार कहा गया कि जिले के सभी मतदान केंद्र पूरी तरह से धूम्रपान मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाता है और यदि कोई मतदान केंद्र उक्त अधिनियम का उल्लंघन करते हुए पाए जाएगा तो उसके ऊपर सुसंगत धाराओं के साथ कार्रवाई की जाएगी।
गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ. अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि धूम्रपान का हमारे स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव होता है। फिर भी, लोग इस तथ्य की अनदेखी करते हैं और धूम्रपान करना नहीं छोड़ते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाल ही के एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में धूम्रपान करने वालों की 12% आबादी भारत में है। भारत में धूम्रपान के कारण होने वाली मौतों की संख्या प्रत्येक वर्ष 10 लाख तक पहुंच जाती है। धूम्रपान के प्रतिकूल प्रभाव और इसका शरीर पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। उन्होने बताया कि अभी भी बहुत से लोग इस बुरी आदत के बारे में जानकार भी अनजान बनते हैं और अपने दिखावे के लिए धूम्रपान करते हैं।
उन्होने बताया कि धूम्रपान प्रजनन प्रणाली को बुरी तरह प्रभावित करता है। धूम्रपान करने से शुक्राणु का उत्पादन कम होता है और व्यक्ति जितना अधिक धुम्रपान करता है। उसमें उतना ही अधिक इन्फर्टिलिटी की संभावना विकसित होती है। निकोटीन पुरुषों के एथेरोस्क्लेरोसिस में योगदान देता है, जो धमनियों को कठोर बनाता है जिसके कारण धमनियां प्रजनन अंगों को पर्याप्त रक्त प्रदान नहीं कर पाता, जो उनके समुचित कार्य और नियमित विकास को रोकती है।
उन्होने बताया कि वे महिलाएं जो धूम्रपान करने की आदी होती हैं उन्हें अक्सर अनियमित माहवारी चक्र या माहवारी नहीं होने की शिकायत रहती है। उनकी प्रजनन क्षमता कम या समाप्त हो जाती है वहीं अत्यधिक धूम्रपान से महिलाओं में स्तन कैंसर और सर्वाइकल होने की भी संभावना पैदा होती है।