यूपी की टॉप थर्ड आकांक्षा – किसान की बेटी ने दिखा दिया कमाल
तारिक खान
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली कोरांव की बेटी आकांक्षा शुक्ला आइएएस बनना चाहती हैं। एसपी इंटर कॉलेज सिकरो कोरांव की छात्रा ने इंटरमीडिएट में 94.8 प्रतिशत अंक लेकर सूबे में तीसरा स्थान हासिल किया है। किसान की बेटी आकांक्षा ने कोचिंग से ज्यादा खुद तैयारी करने पर जोर दिया। यही उनकी सफलता का सबसे बड़ा मंत्र है। उनका सपना आइएएस बनना है।
किसान की बेटी ने दिखा दिया कमाल
आकांक्षा के पिता अवधेश कुमार शुक्ला किसान हैं, लेकिन उन्होंने अपने तीन बच्चों की पढ़ाई से कोई समझौता नहीं किया। आकांक्षा के बड़े भाई ईसीसी से बीए कर रहे हैं। छोटी बहन एसपी इंटर कॉलेज सिकरो में ही इंटर की छात्रा है। आकांक्षा ने हाईस्कूल की परीक्षा में काफी मेहनत की, लेकिन 90 फीसद अंक ही हासिल कर सकीं थीं। इसलिए इंटरमीडिएट की परीक्षा में पहले से तय कर रखा था कि टॉप करना है। कड़ी मेहनत का परिणाम भी आया।
सफलता का श्रेय गुरुजनों संग पिता को दिया
आकांक्षा कहती हैैं, उनकी सफलता में गुरुजनों के साथ पिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए पिता ने आकांक्षा, उसकी बहन और मां को कोरांव में किराए पर कमरा दिलाया। आकांक्षा ने स्वयं सभी विषयों की तैयारी की क्योंकि हाईस्कूल की परीक्षा में कोचिंग के कारण वह बेहतर पढ़ाई नहीं कर सकी थीं। आकांक्षा ने बताया कि वह एक अध्याय को चार से पांच बार पढ़ती थीं। हर बार पढऩे पर नई जानकारी जुड़ जाती थी। कोचिंग करने पर रिवीजन करने का मौका कम मिलता था।
पिता ने कहा, भरोसा था बेटी करेगी नाम रोशन
सेमरिहा गांव के पूरा रवनिया की रहने वाले आकांक्षा के पिता अवधेश कुमार शुक्ला का कहना है कि उन्हें पूरा भरोसा था कि उनकी बेटी इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रयागराज समेत कोरांव का नाम रोशन करेगी। हाईस्कूल में भी उसने अच्छी तैयारी की थी, लेकिन परीक्षा के दौरान कुछ कमियों से उसके अंक कम हो गए थे। इंटरमीडिएट की परीक्षा में उसने सभी कमियों को दूर किया। उसकी मां अंजू उसके साथ-साथ चलीं। पिता अवधेश ने बीए किया था तो मां इंटर पास हैं। उनका पूरा जोर तीनों बच्चों की अच्छी शिक्षा पर है। इंटरमीडिएट का परिणाम आने के बाद आकांक्षा को बधाई देने वालों की भीड़ लगी रही। विद्यालय के छात्र, छात्राएं, शिक्षक से लेकर रिश्तेदार देर रात तक बधाई देते रहे।