साहेब- PM के स्वच्छ भारत अभियान को ग्रहण लगा रहा है वाराणसी छावनी, अनुदान तो दूर शौचालय बनाने की इजाजत भी नही।

साभार – राजकुमार सोनकर 
वाराणसी. प्रधानमंत्री के खुले में शौच मुक्त भारत अभियान को पलीता लगा रहा है मनोहर पर्रिकर का वाराणसी छावनी एक दर्जन से ज्यादा परिवार और 60 सदस्यों वाले 7 परिवार की मात्र एक टूटे हुये शौचालयो पर निर्भरता की बेबसी उसमें शामिल ढेरो महिलाओ में एक दिव्यांग। वजह छावनी के जटिल अधिनियम और शौचालय बनाने की इजाजत ना मिलना। यहाँ बता दे की छावनी के बंगला नंबर 43 में शेर अली उर्फ़ बाबू, मोहम्मद शमीम उर्फ़ नन्हकू, खलील, श्यामलाल, नाथु राम और बंगला नंबर 16 में रहने वाले गुलाबचन्द राम सीमा देवी (दिव्यांग) के खुले में शौच मुक्त भारत अभियान को पलीता लगा रहा है

वाराणसी छावनी एक दर्जन से ज्यादा परिवार और 60 सदस्यों वाले 7 परिवार की मात्र एक टूटे हुये शौचालयो पर निर्भरता की बेबसी उसमें शामिल ढेरो महिलाओ में एक दिव्यांग। वजह छावनी के जटिल अधिनियम और शौचालय बनाने की इजाजत ना मिलना। यहाँ बता दे की छावनी के बंगला नंबर 43 में शेर अली उर्फ़ बाबू,मोहम्मद शमीम उर्फ़ नन्हकू,खलील,श्यामलाल,नाथु राम और बंगला नंबर 16 में रहने वाले गुलाबचन्द राम सीमा देवी(दिव्यांग) गीता कन्नौजिया,अनीता तिवारी,मन्जू साहनी और सदर बाजार के वार्ड नम्बर 6 में मकान संख्या 159/1,2,3,4 में एक ही परिवार के कई सदस्य मकान नम्बर 137 में रजिया बेगम,मुन्नी,हसीना आदि कई नाम है जो इस आस में बैठे है कि काशी को क्योटो बनाने का ख़्वाब दिखाने वाले PM मोदी से सिर्फ शौचालय बनाने की इजाजत की आस लगाये बैठे है वह भो बिना किसी सरकारी अनुदान के।जबकि छावनी प्रशासन यहाँ खुद को असहाय पाता है वजह जटिल नियम और बंगला एरिया में रहने वाले लोगो का HOR से विवाद बता कर पल्ला झाड़ लेता है। हालांकि कई बिना विवाद के भी किरायेदार है उनको भी इजाजत नही मिल सकी है। इस बाबत छावनी के मुख्य अधिशाषी अधिकारी श्रीमती प्रोमिला जायसवाल से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने मिलने और बात करने से इंकार किया PRO अजय कुशवाहा से सम्पर्क करने पर उन्होंने जूनियर इंजिनियर अजय कुमार खरे से बात करने को कहा उनसे सम्पर्क करने पर उन्होंने भी स्पष्ट कोई जवाब नही दिया अलबत्ता यह जरूर कहा की कोई भी पात्र व्यक्ति आवेदन करता है तो उनके प्रार्थना पत्र को बोर्ड की बैठक में रखकर विचार करते हुए नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। परिषद के इस ढुल मुल रवैये से खुले में शौच करने को मजबूर महिलाये और बच्चियो को प्रधानमंत्री से है ढेरों उम्मीद की प्रधानमंत्री के पहल पर रक्षा मंत्रालय नियमो को थोडा लचीला बनाकर शौचालय जैसी मुलभुत बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराने में लोगोँ की मदद कर सकें।ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री वाराणसी से सांसद है और उस लिहाज़ से छावनी परिषद के कमेटी में वह विशिष्ट सदस्य स्वतः नियुक्त है।इससे छावनी वासियों को आस है की उन्हें शौचालय बनाने की इजाज़त शायद मिल सके।

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