राहुल गाँधी की नागरिकता का प्रकरण लेकर हिन्दू महासभा पहुची सुप्रीम कोर्ट, किया नामांकन ख़ारिज करने की मांग
आदिल अहमद
नई दिल्ली : राहुल गाँधी के नागरिकता पर उठे सवालिया निशान ने अपना रुख एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के जानिब कर लिया है। बताते चले कि इसके पहले वर्ष 2015 में भी इस प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट में केस दाखिल हुआ था और तत्कालीन सीजेआई ने दावे में प्रस्तुत समस्त अभिलेखों को ख़ारिज कर दिया था। याचिका वकील एम।एल। शर्मा ने दायर की थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने फर्जी बताया था। न्यायालय ने उस समय दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए थे। तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एच।एल। दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूछा था, “आपको कैसे पता कि ये दस्तावेज प्रामाणिक है?” शर्मा द्वारा सुनवाई पर जोर दिए जाने पर न्यायमूर्ति दत्तू ने शर्मा से कहा था, “मेरी सेवानिवृत्ति के बस दो दिन शेष बचे हैं।आप मुझे मजबूर मत कीजिए कि मैं आपके ऊपर जुर्माना लगा दूं।”
अब एक बार फिर यह प्रकरण लेकर हिन्दू महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है और उनके नामांकन को रद्द करने की मांग की। जानकारी के मुताबिक हिन्दू महासभा की तरफ से जय भगवान गोयल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और जल्द सुनवाई की मांग की। जल्द सुनवाई की मांग पर कोर्ट ने कहा कि पहले आप रजिस्ट्री से डायरी नंबर दें।
याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं लेकिन फिर भी चुनाव आयोग ने उनका नामांकन मंजूर कर लिया है। आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता का सवाल पहले भी उठ चुका है और उन्होंने इस मुद्दे पर उस समय जोरदार तरीके से बचाव किया था, जब इसे संसद की आचार समिति के समक्ष उठाया गया था। वर्ष 2016 में इस मामले को संसद की आचार समिति में उठाया गया था, जिसके अध्यक्ष भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी थे।
राहुल गांधी उस समय कांग्रेस अध्यक्ष नहीं थे, और उन्होंने कथित तौर पर समिति के समक्ष कहा था कि वह चकित हैं कि उनकी ब्रिटिश नागरिकता की शिकायत का संज्ञान लिया गया है, जबकि यह व्यवस्थित भी नहीं। उन्होंने यह भी कहा था कि इस तरह का कोई आवेदन ब्रिटिश गृह विभाग में उपलब्ध होगा। रपटों के अनुसार, उन्होंने कहा था कि उन्होंने कभी भी ब्रिटिश नागरिकता पाने की कोशिश नहीं की और यह शिकायत उनकी छवि खराब करने की एक साजिश का हिस्सा है।