सपा प्रत्याशी शालिनी यादव ने बाँधा बर्खास्त BSF सिपाही तेज बहादुर को राखी, बोले तेज बहादुर बहन के साथ मिलकर वाराणसी में मोदी के खिलाफ करूँगा डोर 2 डोर प्रचार
ए जावेद
वाराणसी : देश के सबसे ताकतवर इंसान के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिये आये तेज बहादुर को कही न कही से परचा ख़ारिज होने के बाद मायूसी ही हाथ लगी है। अहले सुबह उठकर आगे की रणनीति बनाने वाला यह शख्स भले ही जज्बे से भरा रहा है और उसने देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ ताल ठोका हो, मगर अंततोगत्वा उसका नामांकन ख़ारिज ही कर दिया गया।
भले तेज बहादुर के वकील राजेश गुप्ता ने काफी दलीले पेश किया कि इसके पहले वर्ष 2014 में भाजपा ने सेना से बर्खास्त शत्रुध्न सिंह जिनके ऊपर करप्शन के चार्ज थे को टिकट दिया था और उन्होंने चुनाव लड़ा था। स्थानीय चुनाव आयुक्त ने जितने कागज़ात समय देकर मांगे उनको पूरा किया गया है। मगर फिर भी हमारा परचा खारिजा एक सोची समझी निति के कारण किया गया है।
इस नामांकन ख़ारिज होने के बाद तेज बहादुर शायद उदास तो ज़रूर हुवे होंगे। ये उदासी उनके चेहरे पर कल भी साफ़ दिखाई दे रही थी। एक रणनीति के तहत छोटा सा कार्यालय बनाकर अपने साथियों के साथ लगभग दस दिन से चुनाव की तैयारी पर अचानक इस प्रकार से विराम लग जाना उदासी की बड़ी वजह होती है।
बहरहाल, आज सुबह समाजवादी पार्टी की दूसरी प्रत्याशी शालिनी यादव तेज बहादुर से मिलने उनके कार्यालय गईं। औपचारिक मुलाकात के बाद अंदर बंद कमरे में तेज बहादुर और शालिनी के बीच गुप्त वार्ता होने लगी। इस दौरान मिडिया कर्मियों को सुचना मिलने पर शहर के मीडिया कर्मी भी मौके पर पहुचने लगे। शालिनी यादव जब बाहर निकली तो मीडिया कर्मियों ने सवाल पूछना चाहा। मीडिया कर्मी सवाल पूछते इसके पहले ही शालिनी ने अपने बैग से राखी निकली और मीडिया के सामने ही तेज बहादुर को बांधा।
राखी बांधने के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुवे शालिनी यादव ने कहा कि आज हम तेज बहादुर जी से मिलने आए हैं। तेजबहादुर जी पांच भाई हैं, लेकिन कोई बहन नहीं है। मैंने उन्हें राखी बांधी है और भाई के तौर पर स्वीकार किया है। वहीं, तेज बहादुर ने कहा कि अब मैं शालिनी की लड़ाई को आगे बढ़ाने और मोदी जी को हारने के लिये बनारस में ही रह कर डोर टू डोर प्रचार करूंगा। शालिनी यादव की मुलाकात और तेज बहादुर के बनारस में ही रह कर पीएम मोदी को घेरने की बात से उनके साथियों को भी एक मकसद मिल गया है और अब वे नए तरीके से रणनीति बनाने में जुट गये।