मिस्र में सरकार विरोधियों के सफ़ाए का सिलसिला जारी है

मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड के दो वरिष्ठ नेताओं की हत्या कर दी गई है। मिस्र के गृह मंत्रालय का कहना है कि इस देश के सुरक्षा बलों ने एक झड़प के दौरान मुस्लिम ब्रदरहुड के दो नेताओं यासिर शहाता और मोहम्मद कमाल को मार गिराया है।

मिस्र में हिंसा के पीड़ितों के पुनर्वास के केंद्र अल-नदीम ने 28 पेज की एक रिपोर्ट जारी करके उल्लेख किया है कि उसने पिछले महीने मिस्री सुरक्षा बलों द्वारा क़ैदियों को दी गई यातनाओं के 52 केस दर्ज किए हैं। इस केन्द्र की रिपोर्ट में मिस्री पुलिस द्वारा अवैध गिरफ़्तारियों, हत्याओं और यातनाओं के कई मामलों की ओर संकेत किया गया है।
मिस्र में सन् 2013 में मुस्लिम ब्रदरहुड के नेता मोहम्मद मुर्सी की सरकार के तख़्तापलट के बाद से मुस्लिम ब्रदरहुड के नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारियों और सामूहिक मौत की सज़ाओं का सिलसिला जारी है। इसके अलावा, पुलिस ने भी क़ानून से ऊपर उठर मुस्लिम ब्रदरहुड के नेताओं की हत्याएं की हैं।
मिस्र के सैन्य राष्ट्रपति जनरल अब्दुल फ़त्तह अल-सीसी को मुर्सी की सरकार के तख़्तापलट का ज़िम्मेदार माना जाता है। सीसी के सत्ता संभालते के बाद से मिस्र में राजनीतिक घुटन का माहौल है और विरोधियों का बड़े पैमाने पर सफ़ाया किया जा रहा है।
हालांकि सीसी ने सत्ता संभालने के बाद, मिस्र की जनता से देश में शीघ्र ही लोकतांत्रिक सरकार के गठन का वादा किया था, लेकिन उनके शासन करने के अंदाज़ से साबित हो जाता है कि मिस्र में एक पुलिसिया सरकार ने सत्ता संभाल रखी है, जो बड़े पैमाने पर अपने विरोधियों को रास्ते से हटा रही है और विरोध की हर आवाज़ को कुचल देना चाहती है।

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