योग गुरु और निरंजनी अखाड़ा प्रयागराज के श्रीमहंत आनंद गिरि ऑस्ट्रेलिया में गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

तारिक खान

प्रयागराज। योग गुरु व निरंजनी अखाड़ा के श्रीमहंत आनंद गिरि को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में गिरफ्तार किया गया है। उनको रविवार तड़के सिडनी के ऑक्सले पार्क, पश्चिमी उपनगर से गिरफ्तार किया गया। आनंद गिरि को ऑस्ट्रेलिया की दो महिलाओं से कथित तौर पर अभद्रता के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
प्रयागराज में कुंभ मेला सम्पन्न होने के बाद योग गुरु आनंद गिरि छह हफ्तों की विदेश यात्रा पर गए हुए हैं। रविवार को आध्यात्मिक-योग सेमिनार में शामिल होने ऑस्ट्रेलिया पहुंचे 38 वर्षीय आनंद गिरि को एक महिला की सूचना पर पुलिस ने गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ 2016 और 2018 में दो महिलाओं ने पुलिस से शिकायत की थी। गिरफ्तारी के बाद उन्हें सिडनी की कोर्ट में पेश किया गया। उन्हें इस आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया गया कि पीड़ित महिलाओं को उनसे खतरा है। उनके खिलाफ एक मामला 2016 का है। एक महिला के घर प्रार्थना कराने पहुंचे आनंद गिरि पर आरोप है कि उन्होंने 29 वर्षीय महिला के बेडरूम में अभद्रता और मारपीट की।
साल 2018 में भी उन्हें वहां पर एक घर में प्रार्थना के लिए बुलाया गया था। आरोप है कि लाउंज में महिला के साथ उन्होंने बदसलूकी की। दोनों ही मामलों में सुनवाई के बाद योग गुरु को जेल भेज दिया गया। अब अगली सुनवाई लोकल कोर्ट माउंट ड्रिट में 26 जून को होगी। यानी तब तक योग गुरु पुलिस हिरासत में रहेंगे
कौन है योग गुरु
वही घटना के सम्बन्ध में योग गुरु स्वामी आनंद गिरि ने कहा है कि मामला मारपीट का नहीं है। वहां साधु-संतों के पीठ थपथपा कर आशीर्वाद देने को विदेशी महिलाओं ने गलत तरीके से ले लिया और मारपीट का आरोप लगाया है। मारपीट जैसा कुछ भी नहीं है।

स्वामी आनंद गिरि प्रयागराज लेटे हनुमान मंदिर के छोटे महंत हैं और निरंजन अखाड़े के पदाधिकारी हैं। योग गुरु स्वामी आनंद गिरि इंटरनेशनल योगगुरु के नाम से प्रसिद्ध हैं। धार्मिक सत्संग के लिए हांगकांग, लंदन, साउथ अफ्रीका पेरिस और मेलबर्न समेत 30 देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। इससे पहले वह कैंब्रिज, ऑक्सफोर्ड और सिडनी जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में लेक्चर दे चुके हैं।
निराधार है आरोप : नरेंद्र गिरि
महिलाओं से अभद्रता व मारपीट के आरोप में फंसे योग गुरु स्वामी आनंद गिरि के बचाव में उनके गुरु व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि आगे आए हैं। उन्होंने आनंद गिरि पर लगे आरोप को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाली महिला आनंद गिरि की शिष्या रही है। आनंद गिरि ने वर्ष 2016 में आशीर्वाद देते हुए सिर्फ उसकी पीठ थपथपाई थी। अधिकतर संत शिष्यों को आशीर्वाद देते समय उनकी पीठ थपथपा देते हैं। इसमें कुछ बुरा नहीं है।
उन्होंने बताया कि इधर उस महिला का आनंद गिरि से मनमुटाव हो गया है, जिस पर उसने मनगढ़ंत आरोप लगाया है। ऑस्ट्रेलिया की निचली अदालतों में ऐसे मामले में जमानत नहीं मिलती। वह ऊपरी अदालत से बेदाग बरी होंगे।
जिला व पुलिस प्रशासन को जानकारी नहीं
योग गुरु की गिरफ्तारी की सूचना अब तक जिला व पुलिस प्रशासन को नहीं है। एडीएम सिटी एके कनौजिया ने बताया कि अब तक उनके पास भारत सरकार की ओर से कोई जानकारी नहीं आई है। एसएसपी अतुल शर्मा ने भी जानकारी होने से इनकार किया है। ऐसे मामलों में ऑस्ट्रेलिया सरकार को भारत सरकार को और भारत सरकार को जिला प्रशासन को सूचना देना होता है।
दस साल की उम्र में लिया था संन्यास
आनंद गिरि ने कम उम्र में संन्यास ले लिया था। स्वामी आनंद ने महज दस वर्ष की उम्र में नरेंद्र गिरि के संरक्षण में दीक्षा ली थी। संन्यासी के रूप में ही उन्होंने संस्कृत ग्रामर, आयुर्वेद और वैदिक फिलॉसफी की शिक्षा ली। बीएचयू से ग्रेजुएट आनंद गिरि योग तंत्र में पीएचडी की हैं।

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