राहुल गांधी के ब्रिटिश नागरिकता सम्बन्धी याचिका सुप्रीम कोर्ट में ख़ारिज, अदालत ने कहा कोई कागजात उन्हें ब्रिटिश बताता है तो क्या वही ब्रिटिश हो गए ?
तारिक आज़मी.
नई दिल्ली. राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताने वाली याचिका को आज सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। अदालत ने याचिका करता से सवाल करते हुवे कहा कि क्या कोई कागजात राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताता है तो वह ब्रिटिश हो गए।
बताते चले कि दो याचिका कर्ताओ ने अदालत में याचिका के माध्यम से कहा था कि उनके पास कागजात है जिससे साबित होता है कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। उनको चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिया जाए। इसके जवाब में अदालत ने कहा कि कोई कागजात अगर कहता है कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक है तो क्या वह ब्रिटिश नागरिक हो जायेगे। चीफ जस्टिस रंजन गंगोई ने याचिकाकर्ताओ से पूछा कि आप क्या करते है। दोनों याचिकाकर्ताओ ने कहा कि वह राजनीती से सम्बंधित है और सोशल वर्क करते है।
बताते चले कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को चुनौती देते हुए यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के जयभगवान गोयल और हिंदू महासभा के चंद्रप्रकाश कौशिक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। दोनों याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि राहुल गांधी ने ब्रिटिश नागरिकता हासिल कर ली है जो इंग्लैंड और वेल्स के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के सामने बैकॉप्स लिमिटेड द्वारा दायर दस्तावेजों से स्पष्ट है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव लड़ने के लिए सक्षम नहीं है क्योंकि वह भारत के नागरिक नहीं हैं। राहुल गांधी द्वारा ब्रिटिश नागरिकता के कथित अधिग्रहण के सवाल को तय करने के लिए भारत के चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है।
बताते चले कि इसके पूर्व भी वर्ष 2016 में एक ऐसी ही याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था और तत्कालीन सीजेआई से याचिका पर सुनवाई के लिए याचिकाकर्ता का बार बार अनुरोध करने पर उन्होंने यह कहते हुवे याचिका ख़ारिज कर दिया था कि मेरे सेवानिवृत में केवल दो दिन बचे है आप मुझे मजबूर न करे कि मैं आपके ऊपर जुर्माना लगा दू। आज लगभग तीन वर्षो बाद बोतल से राहुल गांधी के ब्रिटिश नागरिक होने का जिन्न वापस बाहर आया है। जानकार मानते है कि यह केवल चुनावों में राजनितिक फायदा लेने के लिए है।