बदलो के कारण रडार से बचने वाले बयान के बाद, सोशल मीडिया पर छाया पीएम मोदी का नया दावा, कहा 1987-88 में डिजिटल कैमरा इस्तेमाल किया और ई-मेल किया
आफताब फारुकी
नई दिल्ली: एक खबरिया चैनल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंटरव्यूव क्या दिया राजनैतिक गलियारों में हडकम्प ही मच गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सवालों के जवाब टि्वटर सहित अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर अब शेयर की जा रहे हैं। इस इंटरव्यूव के वीडियो भी वायरल हो रहे है। कल वायरल हुवे इंटरव्यूव में पीएम मोदी ने बताया कि बालाकोट एयरस्ट्राइक लेकर उन्होंने विशेषज्ञों को सलाह दी थी कि ‘खराब मौसम की वजह से’ इसे टाला ना जाए।
In 87 he had the digital camera and he was e-mailing people in 87-88… is he a chronic liar? Or just delusional https://t.co/nAmG5GZBSG
— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) May 13, 2019
इसके साथ ही उन्होंने उस दौरान कहा था, ‘बादल होने की वजह से भारतीय विमान पाकिस्तानी रडार की पकड़ में आने से बच सकते हैं।’ उनके इस बयान पर जमकर सोशल मीडिया पर शेयर करके मज़ाक का हिस्सा बनाया गया था। बालीवुड के एक कलाकार कमाल खान ने तो यहाँ तक कह दिया था कि प्रधानमंत्री के कारण आज हमको पता चला है कि पकिस्तान ने रडार के जगह टाटा स्काई की छतरी लगाई हुई है।
यह मामला अभी सांस भी नही ढंग से ले पाया था कि आज एक और वीडियो क्लिप इसी इंटरव्यूव की वायरल होने लगी है। अब एक अन्य वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है, जिसमें पीएम मोदी कह रहे हैं कि उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी की रंगीन तस्वीर क्लिक करने के लिए साल 1988 में डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल किया था। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उस वक्त उन्होंने ईमेल का भी इस्तेमाल किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दावे को कई लोगों ने फेक्ट चेक करते हुए बताया कि ईमेल सर्विस 1995 से पहले थी ही नहीं। अर्थशास्त्री रूपा सुब्रमण्या ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘1995 में आधिकारिक तौर पर लॉन्च होने से पहले ही पीएम मोदी ने भारत में साल 1988 में इसका इस्तेमाल कर लिया था।’
बताते चले कि खबरिया चैनल न्यूज नेशन को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा, ‘करीब 1987-88 में मैंने पहली बार डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल किया था। उस वक्त बहुत कम लोग ईमेल का इस्तेमाल करते थे। आडवाणी जी की रैली थी। उन्होंने हाथ से साइज बताते हुए कहा कि उस वक्त डिजिटल कैमरे का साइज बड़ा होता था। मेरे पास डिजिटल कैमरा था। मैंने आडवाणी की तस्वीर क्लिक की और उसे दिल्ली भेज दिया। रंगीन तस्वीर प्रकाशित हुई थी। आडवाणी यह देखकर हैरान हो गए और कहा कि आज मेरी रंगीन तस्वीर कैसे छपी।’
इस बयान पर पूर्व राज्यसभा सांसद शाहिद सिद्दीकी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘मोदी ने नाले से गैस बनाने और रडार से बचने वाले बादलों की तरह डिजिटल कैमरा, ईमेल का इजाद किया है।’ वहीं कांग्रेस नेता दिव्या स्पंदना ने ट्वीट किया, ‘सवाल यह है कि अगर 1988 में उनकी ईमेल आईडी थी, जबकि पूरे विश्व में नहीं थी। तो ऐसे में उन्हें ईमेल कौन भेजता था।’
गौरतलब हो कि इसी इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान उन्होंने सुझाव दिया था कि बादल और बारिश होने की वजह से भारतीय वायुसेना के विमान पाकिस्तानी रडार में आने से बच सकते हैं। पीएम मोदी के इस बयान को लेकर एक बहस सी छिड़ गई है। इंटरव्यू में पीएम मोदी ने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर कहा, ‘मैं दिन भर बहुत व्यस्त था। वार मेमोरियल का उद्घाटन था। चुरू में रैली करने गया था। मेरा कार्यक्रम चल रहा था। मैं टीम प्लेयर हूं। जिसको काम एसाइन करता हूं वो करता है। यह काम टीम ने किया था। रात को 9 बजे मैंने रिव्यू किया, फिर रात को 12 बजे रिव्यू किया। हमारे सामने समस्या थी कि उस समय मौसम खराब हो गया था। यह बात मैं पहली बार बोल रहा हूं। अचानक एक सुझाव मिला कि डेट बदल दें क्या? मैंने कहा कि इस मौसम में हम रडार से बच सकते हैं। मैंने कहा कि आसामान में बादल हैं और बारिश हो रही है। यह हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है।’