तालाबों एवं जलाशयों से किसी भी स्थिति में पंपिंग सेट के माध्यम से जल की निकासी वर्जित
बापूनन्दन मिश्र
रतनपुरा (मऊ): भीषण गर्मी के दौरान तालाबों एवं जलाशयों से किसी भी स्थिति में पंपिंग सेट के माध्यम से जल की निकासी वर्जित है।ऐसा करना जल की समस्या को और गंभीर रूप देना है जो कि कानून के खिलाफ है। – मनी लाल वर्मा सहायक खंड विकास अधिकारी (कृषि भीषण गर्मी में जैसे-जैसे तापमान में वृद्धि हो रही है, वैसे-वैसे तालाबो का जलस्तर भी तेजी से घटता जा रहा है।
अगर इसी तरह तालाबों का जलस्तर घटना जारी रहा तो मनुष्य समेत पशु-पंक्षियों के सामने पेयजल संकट काफी गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी। जलस्तर खिसकने के कारण जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है।अब ग्रामीण अंचलों में भी भीषण गर्मी के कारण पेयजल संकट काफी विकराल रूप धारण करता हुआ नजर आ रहा है स्थानीय विकास खंड के भिमहर गांव में स्थित ऐसा प्राचीन तालाब जो की दर्जनों एकड़ में दूर तक फैला है। जिसमे निरंतर जल स्तर बना रहता हैं।लेकिन भीषण गर्मी के मौसम में जहां पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रहा है वहीं इस बृहद तालाब में पंपिंग सेट के माध्यम से जल की निकासी कर मछली पकड़ने का कार्य जारी है जिससे तालाब का जल भूमिगत हो चुका है।
ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान समय में हालत यह है कि जलस्तर खिसकने के कारण आस पास के हैंडपंपों में पानी की किल्लत हो गई है। मात्र कुछ इंडिया मार्का हैंडपंपों से ही भरपूर जलापूर्ति हो पा रही है जो की आबादी के हिसाब से काफी कम संख्या में हैं। हर तरफ नदी, नाले, ताल-तलैये सब सूख रहे हैं वहीं कुछ लोग धन कमाने के चक्कर में तालाब में संचित जल का गलत दोहन कर जल की समस्या को और गंभीर बनाने में तल्लीन है। ट्यूबवेलों-नलकूपों की स्थिति यह है कि जिस सिवान में दस नलकूप हैं, वहां दो-दो नलकूप बारी-बारी चलाए जा रहे हैं। सभी नलकूप एक साथ चलाने पर पानी नहीं आता।
तेजी से घट रहे जलस्तर के कारण तालाब समेत कुएं भी अब सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं।क्षेत्र के बृहद एवं चर्चित तालाब से पानी का गायब होना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है । कुछ संभ्रांत लोगो का कहना है कि भिमहार स्थित तालाब इतना बड़ा है की भीषण गर्मी के प्रभाव से भी इसमें पानी की समस्या शीघ्र उत्पन्न नहीं हो सकती लेकिन चंद्र लाभ के लिए कुछ लोग इस प्राचीन तालाब के स्मिता से खेल रहे है जो कि समाज के लिए चिंतनीय विषय बना हुआ है।