मृगशिरा तपा, तन झुलसा

प्रदीप दुबे विक्की

कांवल/ज्ञानपुर, भदोही।इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है। जिससे जनजीवन बेहाल है। चारों ओर गर्मी के कारण त्राहि-त्राहि मची हुई है। मृगशिरा नक्षत्र भी सबकों परेशान सा कर रहा है। इस नक्षत्र में गर्मी के कारण तन झुलस जा रहा है। ज्योतिषियों की मानें तो मृगशिरा नक्षत्र के स्वामी मंगल है जिसके कारण मृगशिरा नक्षत्र में गर्मी अधिक पड़ती है। सूर्य के मृगशिरा नक्षत्र में वास के समय अन्य ग्रहों की स्थितियां भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं। इस अवधि में मंगल पुनर्वसु नक्षत्र में, बुध 13 जून तक आर्द्रा नक्षत्र में, गुरु ज्येष्ठा नक्षत्र में, शुक्र कृतिका नक्षत्र में, शनि पूर्व षाढ़ा नक्षत्र में, राहु पुनर्वसु नक्षत्र में, केतु भी पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में गोचर करेगे। धनु राशि में शनि-केतु की युति व इसके सामने मिथुन राशि मे मंगल-राहु की युति अंगारक योग का निर्माण कर रही है । 20 जून तक बुध भी राहु-मंगल के साथ इस युति में शामिल रहेंगे। इस अवधि में शनि व गुरु वक्री रहेंगे। ज्योतिषियों की मान्यता है कि मृगशिरा नक्षत्र में तेज गर्म हवाएं बढ़ाएंगी अग्नि तत्व के मंगल धरती के कारक हैं । सूर्य की अग्नि जीवन दायिनी है, तो मंगल की अग्नि विध्वंसक है। राहु के साथ मिल कर इनकी अग्नि का प्रभाव कई गुना विध्वंसकारी हो जाता है। मिथुन राशि वायु तत्व की राशि है। अग्नि को वायु का साथ मिले, तो ज्वालामुखी जैसा प्रभाव हो सकता है। जिसके कारण इस अवधि में तेज गर्म हवाएं चल सकती है। धरती के ताप भी वृद्धि हो सकती है। राहु के प्रभाव से भूमि पर दरारें भी पड़ सकती हैं। भूगर्भ जल स्तर भी सामान्य से अधिक कम हो सकता है और जन व पशु हानि हो सकती है। बुध भी 20 जून तक अपनी मिथुन राशि मे ही रहेंगे। यही कारण है कि लू के थपेड़ों से भी लोगों को परेशानी हो रही है।

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