जेल विभाग की लापरवाही ने ली 8 माह की मासूम बच्ची की जान

अन्जनी राय
बलिया : उत्तर प्रदेश के कारागार व्यवस्था पर हमेशा सवालिया निशान लगता रहा है, पर सुधरने का नाम नहीं। कभी कैदियो के फरार तो कभी जेल में मारपीट। कही जेल में भूख हड़ताल तो कहीं और कुछ। लेकिन बलिया में रविवार को एक नई कहानी ही सामने आई, जिसे सुन हर किसी का दिल दहल उठा।
बताते चलें कि 25 दिन पहले चेन छिनैती में फेफना निवासी रिंकू देवी को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। रिंकू देवी की गोद में 08 माह की नन्ही जान भी थी, जो जेल यात्रा में साथ रही। बच्ची की तबीयत पांच दिनों से खराब चल रही थी, लेकिन कारागार प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया। विवश मां कुछ कर नहीं सकी, क्योंकि उसकी एक सुनने को कोई तैयार नहीं था।  बीती रात बच्ची की तबीयत खराब हुई। इसकी सूचना जेल प्रशासन की दी गई, लेकिन कान पर जूं नहीं रेगा और बच्ची की तबीयत बिगड़ती गई। सुबह मरणासन्न अवस्था में बच्ची को जिला चिकत्सालय पहुंचाया गया, जहां बच्ची ने दम तोड़ दिया। डाक्टरों का मानना है की बच्ची की मौत उल्टी और दस्त से हुई है। बच्ची की मौत ने सवाल खड़े हो गये है। अभी भी सरकार से सवाल कर रही हमारे जैसे कितनी बच्चियां जेल में दवा बिन दम तोड़ेगी।

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